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UNSC में कश्मीर राग अलापने पर भारत ने की पाकिस्तान की बोलती बंद, PoK को जल्द खाली करने की दी नसीहत!

India stopped speaking of Pakistan after chanting Kashmir melody in UNSC; विश्व के कई मंचों पर किरिकिरी होने के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की UNSC के मंच पर जमकर किरकिरी हुई है। गौरतलब है कि UNSC के मंच पाक ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा। इसे लेकर भारत ने जमकर उसकी खिंचाई की और पोल-पट्टी खोल दी।

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान लगातार ऐसी कई गतिविधियां कर रहा है, जिससे वो घाटी में अशांती पैदा कर सकें। वहीं वो विश्व मंच पर भी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लगातार उठा रहा है। जहां उसकी जमकर किरकिरी हो रही है। इसी बीच एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में उठाया, जहां भारत ने उसकी बोलती बंद कर दी।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि वह पाकिस्तान से प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करना जारी रखेगा। भारतीय प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि किसी भी सार्थक वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है जो केवल आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में आयोजित की जा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की कौंसलर काजल भट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि, ‘‘भारत, पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य संबंध चाहता है और अगर कोई लंबित मुद्दा है तो उसे शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के अनुसार द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, कोई भी सार्थक बातचीत आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में ही हो सकती। इस तरह के अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। तब तक भारत सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का जवाब देने के लिए दृढ़ और निर्णायक कदम उठाता रहेगा।’’

‘पाकिस्तान में खुले में घूमते हैं आतंकी’

वहीं कश्मीर का राग अलापने पर भारत ने पाकिस्तान की खूब खिचाई की। भारत ने कहा कि, ”हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख हमेशा से भारत का एक अभिन्न अंग है। इसके कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है, इसलिए पाकिस्तान को ये इलाके तुरंत खाली करने होंगे।” इतना ही नहीं भारत ने कहा कि, ” पाकिस्तानी प्रतिनिधि अपने देश की दुखद स्थिति से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए कश्मीर का राग अलापते हैं। पाकिस्तान में आतंकवादी आम लोगों के बीच खुले में घूमते हैं। वहां अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित लोगों को परेशान किया जाता है।”

पाकिस्तान ने किया चार देशों के समूह का विरोध

वहीं, पाकिस्तान ने यूएनएससी में स्थायी सीटों के लिए चार देशों के समूह (ग्रुप ऑफ फोर) भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के कदम का कड़ा विरोध किया। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत मुनीर अकरम ने एक बहस में भाग लिया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र के भीतर विशेषाधिकार के नए केंद्र बनाने का कोई औचित्य नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, मुनीर ने कहा कि सुरक्षा परिषद में लगातार उपस्थिति की चाह रखने वाले किसी भी देश को महासभा द्वारा समय-समय पर चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अधीन रहते हुए ऐसा करना चाहिए। उन्होंने दो वर्षीय अस्थायी श्रेणी में 15 सदस्यीय परिषद के विस्तार के लिए इटली/पाकिस्तान के नेतृत्व वाली यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस (यूएफसी) समूह के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि समूह व्यक्तिगत सदस्य राष्ट्रों के लिए स्थायी सदस्यता के प्रस्तावों का कड़ा विरोध करता है।

यूएन में पाकिस्तान के प्रतिनिधि राजदूत अकरम ने कहा कि यूएफसी का मानना है कि यूएनएससी में व्यापक सुधार का उनका प्रस्ताव एक समझौते के लिए सबसे अच्छा आधार बन सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने स्थायी सदस्यों की निर्णायक कार्रवाई पर सहमत न होने का हवाला देते हुए कहा कि नए स्थायी सदस्यों को जोड़ने से गतिहीनता की संभावना बढ़ जाएगी।

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