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कश्मीर के लिए शुभ संकेत, 30 साल बाद निकला मुहर्रम का जुलूस, उपराज्यपाल हुए शामिल

श्रीनगर में करीब 30 साल के बाद शिया समुदाय ने शनिवार को गुरुबाजार से डलगेट मार्ग पर मुहर्रम जुलूस निकाला। इस जुलूस में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्रीनगर में मुहर्रम के जुलूस में शामिल हुए। साथ ही सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जुलूस निकालने की अनुमति दी थी। जिसके बाद समुदाय के लोगों ने जुलूस निकाला। इस बीच सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

By RNI Hindi Desk 
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सीनियर जर्नलिस्ट प्रताप राव की कलम से…

श्रीनगरः करीब 30 साल के बाद शिया समुदाय ने शनिवार को गुरुबाजार से डलगेट मार्ग पर मुहर्रम जुलूस निकाला। इस जुलूस में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्रीनगर में शामिल हुए। जुलूस में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जुलूस निकालने की अनुमति दी थी। जिसके बाद समुदाय के लोगों ने जुलूस निकाला। इस बीच सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। बता दें कि 90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद फैलने के बाद मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला गया था।

मुहर्रम जुलूस में शामिल लोगों के लिए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और जलपान की विशेष व्यवस्था की थी। सिन्हा ने मौके पर मौजूद लोगों को जलपान भी वितरित किया। अधिकारियों ने बताया कि काला कुर्ता पहने सिन्हा कड़ी सुरक्षा के बीच डाउनटाउन के बोटा कदल इलाके में चल रहे जुलूस में शामिल हुए। उनके साथ पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सामान्य दिनों की अपेक्षा त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है। एडीजीपी ने कहा कि मुहर्रम का यह दिन पैगंबर मोहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की इराक के कर्बला में शहादत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लिए यह एक शुभ संकेत है।

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