Congress leader Rahul Gandhi hit back at Modi government; संसद का शीतकालीन सत्र लगातार चढ़ रहा हंगामे की भेंट। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लगाया मोदी सरकार पर आरोप।
नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है, जिस कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार के आरोप पर पलटवार करते हुए सदन न चलने की जिम्मेदारी मोदी सरकार के कंधों पर डाला है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि हमें सदन में मुद्दों को नहीं उठाने दिया जा रहा है। संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, “हम चाहते हैं कि सरकार गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाए और लखीमपुर खीरी मामले पर सदन में चर्चा कराए लेकिन सरकार करने नहीं दे रही है।”
उन्होंने कहा कि, “हम लद्दाख का मामला उठाना चाहते हैं लेकिन सरकार उठाने नहीं दे रही। सरकार किसानों के मुद्दे पर, राज्यसभा सांसदों के निलंबन पर चर्चा नहीं करने देती और फिर हम पर आरोप लगाती है कि हम सदन नहीं चलने दे रहे हैं। सरकार की जिम्मेदारी सदन को चलाने के साथ-साथ सही तरीके से चर्चा कराने की भी होती है।
फोन टैपिंग मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल ने कहा कि पेगासस मामले में भी सदन में सरकार ने चर्चा नहीं होने दी। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और लगातार हो रहा है, जिसके खिलाफ हम लड़ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि अगर विपक्ष जिम्मेदार हो तो, सदन चल सकता है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गोयल ने कहा कि सदन चलाना अगर सरकार की जिम्मेदारी है तो विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि अगर विपक्ष जिम्मेदार हो तो सदन चल सकता है। विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सांसद हंगामा करें, सदन और सभापति की गरिमा को ठेस पहुंचाएं और माफी मांगने को भी तैयार न हो, यह विपक्ष के गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दिखाता है।
गोयल ने आगे कहा कि राज्य सभा के सभापति के कहने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने निलंबित सांसदों के नेताओं को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन ये बातचीत करने भी नहीं आए। मल्लिकार्जुन खड़गे के विपक्षी एकता तोड़ने के आरोप पर बोलते हुए गोयल ने कहा कि अगर उन्हें कोई सुझाव देना था तो बैठक में आकर देते। सरकार अन्य दलों को भी बुला लेती।