Congress leader Manish Tiwari's big attack on Manmohan government; कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का मनमोहन सरकार पर बड़ा हमला। मनीष तिवारी ने अपनी किताब में की मनमोहन सरकार की आलोचना। मुंबई हमले पर जवाबी कार्रवाई न करने को बताया कमजोरी की निशानी।
नई दिल्ली : कांग्रेस नेता मनीष तिवारी लगातार कांग्रेस के विरुद्ध मुखर हो रहे है और उसका प्रबल विरोध भी कर रहे है। अपने इसी तेवर को कायम करते हुए मनीष तिवारी ने एक बार फिर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया है। आपको बता दें कि मनीष तिवारी ने अपनी किताब में मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर मनमोहन सरकार की आलोचना की है।
अपनी किताब में मनीष तिवारी ने लिखा कि मुंबई हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने ये भी लिखा कि कार्रवाई न करना मनमोहन सरकार की कमजोरी की निशानी है। मनीष तिवारी ने अपनी किताब में लिखा कि जब किसी देश (पाकिस्तान) को अगर निर्दोष लोगों के कत्लेआम करने का कोई खेद नहीं तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है।
Rahul Gandhi & Congress consistently echo the Pakistani line on every issue – Hindutva, 370 & Surgical strikes
Today as we approach the 13th Anniversary of 26/11 the Congress must tell us what or who prevented a robust response post 26/11 like we saw post Uri & Pulwama.. https://t.co/B6S0RM2PKR
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) November 23, 2021
उन्होंने लिखा कि 26/11 एक ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई दिखनी चाहिए थी। उन्होंने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से करते हुए कहा कि भारत को उस समय तीव्र जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी। आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी को घेरा है। इससे पहले पंजाब में राजनीति अस्थिरता को लेकर उन्होंने कहा था कि जिन्हें पंजाब की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें उसकी समझ ही नहीं है। इसके अलावा कांग्रेस में कन्हैया कुमार की एंट्री पर भी सवाल उठाए थे।
मनीष तिवारी द्वारा अपनी ही पार्टी को घेरने के बाद बीजेपी ने भी कांग्रेस की जमकर आलोचना की है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि मनीष तिवारी ने 26/11 के बाद यूपीए सरकार की कमजोरी की ठीक ही आलोचना की है। उन्होंने लिखा कि एयर चीफ मार्शल फली मेजर ने भी कहा था कि इस हमले के बाद वायुसेना कार्रवाई करना चाहती थी, लेकिन यूपीए सरकार ने ऐसा नहीं करने दिया। पूनावाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस उस समय 26/11 के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराने और पाकिस्तान को बचाने में व्यस्त थी।
पूनावाला ने ये भी लिखा कि हिंदुत्व, 370 और सर्जिकल स्ट्राइक पर राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार पाकिस्तान की भाषा ही बोलते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि जैसी कार्रवाई उरी और पुलवामा हमले के बाद हुई, वैसी कार्रवाई 26/11 के बाद करने से किसने और क्यों रोका?
क्या हुआ था 26 नवंबर 2008 की शाम?
26 नवंबर 2008 की शाम पाकिस्तान के 10 आतंकी भारत में घुस आए थे। आतंकियों ने अलग-अलग जगह जाकर गोलियां बरसाई थीं। आतंकियों ने रेलवे स्टेशन, होटल, बार, ताज होटल, ओबेरॉय होटल जैसी जगहों को निशाना बनाया था। 26 नवंबर की रात 9 बजकर 43 मिनट पर शुरू हुआ आतंका का तांडव 29 नवंबर की सुबह 7 बजे खत्म हुआ था। मुंबई की सड़कों पर मौत का ये तांडव 60 घंटों तक चला था। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। 9 आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया था। एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई। मुंबई हमलों में मुंबई पुलिस, एटीएस और एनएसजी के 11 जवान शहीद हुए थे।