1. हिन्दी समाचार
  2. केंद्र सरकार
  3. मणिपुर हिंसा पर सर्वदलीय बैठक, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजने की मांग

मणिपुर हिंसा पर सर्वदलीय बैठक, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजने की मांग

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मणिपुर में मौजूद स्थिति पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें कई दलों के नेता शामिल हुए। इससे पहले अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का चार दिनों का दौरा किया था और शांति स्थापित करने को लेकर अलग-अलग वर्ग के लोगों से मुलाकात की। इसके बाद राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि अगले एक सप्ताह में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मणिपुर में मौजूद स्थिति पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बुलाई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी, नित्यानंद राय, संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ ही मणिपुर के पूर्व सीएम इबोबी सिंह, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके से तिरुचि शिवा, शिवसेना उद्धव से प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सहित दो दर्जन पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में एनसीपी चीफ शरद पवार शामिल नहीं हुए। उनकी जगह मणिपुर एनसीपी चीफ सोरन इबोयाइमा सिंह और पार्टी महासचिव नरेंद्र वर्मा शामिल हुए। बता दें कि अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का चार दिनों का दौरा किया था और शांति स्थापित करने को लेकर अलग-अलग वर्ग के लोगों से मुलाकात की। इसके बाद राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि अगले एक सप्ताह में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए।

बता दें कि मणिपुर में 50 दिनों से हिंसा नहीं रुक पा रही है। इसलिए विपक्षी दल बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना कर रहे हैं। दरअसल मणिपुर में मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। इस समुदाय के लोगों ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की है कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। नगा-कुकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकार बंट जाएंगे।

कांग्रेस ने की थी सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 120 लोगों की जान चली गई और 3000 से अधिक लोग घायल हो गए। कांग्रेस 10 जून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में शांति स्थापित करने के लिए मणिपुर में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रही थी। गौरतलब है कि मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। मुख्य तौर पर यहां मैतेई, नगा और कुकी समुदाय के लोग निवास करते है। मैतई समाज में ज्यादातर हिंदू लोग हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं जो अनुसूचित जनजाति वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी राज्य के करीब 50 फीसदी है। राज्य के करीब 10 फीसदी इलाके में फैली इम्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है। जबकि नगा-कुकी समुदाय की आबादी करीब 34 प्रतिशत है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...