नई दिल्ली : देश के पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, जिसे लेकर सभी पार्टियां अपनी कमर भी कस चुकी है। एक तरफ जहां विपक्षी पार्टियां सत्तापक्ष पर निशाना साध रहें हैं तो वहीं दूसरी तरफ सत्तापक्ष विपक्षी पार्टियों पर। आपको बता दें कि इन्हीं सब वार-प्रतिवार के बीच पूर्व वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बड़ा बयान दिया है।
बता दें कि एक बार फिर मनमोहन सिंह ने देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर वर्तमान सरकार पर जमकर हमला किया है। उन्होंने कहा कि, ‘‘ बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है। यह संकट 2016 में बगैर सोच-विचार के लिए गये नोटबंदी के फैसले के चलते पैदा हुआ है।’’ सिंह ने कहा कि बढ़ते वित्तीय संकट को छिपाने के लिए भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किये गए अस्थायी उपाय के चलते आसान लोन संकट से छोटे और मंझोले (उद्योग) क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं और इस स्थिति की हम अनदेखी नहीं कर सकते हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा, ”संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श, जोकि भारत की आर्थिक और राजनीतिक आधारशिला और संविधान में निहित दर्शन है, मौजूदा केंद्र सरकार इसे अहमियत नहीं देती है।” केरल के विकास को लेकर अपनी राय रखते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्य में सामाजिक मापदंड ऊंचे हैं, लेकिन भविष्य में दूसरे क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत है।
पूर्व पीएम ने कहा कि यहां कई रुकावटें हैं, जिनसे राज्य को पार पाना है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मोड की वजह से आईटी सेक्टर तो काम कर रहा है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र पर महामारी का बहुत बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस करने की वजह से केरल के लोग देश और दुनिया के सभी हिस्सों में नौकरी पाने में सक्षम हुए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने राज्यों से नियमित रूप से परामर्श नहीं करने को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की। आपको बता दें कि मनमोहन सिंह ने ये टिप्पणी आर्थिक विषयों के ‘थिंक टैंक’ राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित एक विकास सम्मेलन का उदघाटन के दौरान की हैं।