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गर्भपात पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ‘निजता के अधिकार’ को चुनौती: जो बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 'अस्थिर' करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह विश्व मंच पर अमेरिका की स्थिति को प्रभावित नहीं करता। मैड्रिड में नाटो सहयोगियों और बवेरियन आल्प्स में सात बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के साथ चर्चा से जुड़ी पांच दिवसीय विदेश यात्रा के समापन पर बाइडन पत्रकारों से बात कर रहे थे।

By RNI Hindi Desk 
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘अस्थिर’ करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह विश्व मंच पर अमेरिका की स्थिति को प्रभावित नहीं करता। मैड्रिड में नाटो सहयोगियों और बवेरियन आल्प्स में सात बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के साथ चर्चा से जुड़ी पांच दिवसीय विदेश यात्रा के समापन पर बाइडन पत्रकारों से बात कर रहे थे।

इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया। इसमें महिलाओं के लिए गर्भपात को संवैधानिक अधिकार बनाने वाले 50 साल पुराने ‘रो बनाम वेड’ फैसले को पलट दिया गया था।

बाइडन ने कहा, अमेरिका दुनिया का नेतृत्व करने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में है। लेकिन एक चीज जो अस्थिर कर रही है, वह है अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का अपमानजनक व्यवहार। इसने न केवल रो बनाम वेड फैसले को खारिज किया, बल्कि अनिवार्य रूप से निजता के अधिकार को भी चुनौती दी। उन्होंने कहा, मैं समझ सकता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने जो किया, उससे अमेरिकी लोग निराश क्यों हैं?

उन्होंने कहा था, ‘गर्भपात के फैसले से गर्भनिरोधक, समलैंगिक विवाह के अधिकार कमजोर हो सकते हैं। बाइडन ने कहा कि यह एक चरम और खतरनाक रास्ता है।’ उन्होंने आगे दुख जताते हुए कहा, ‘यह सिर्फ मुझे स्तब्ध कर देता है, गरीब महिलाओं को इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान होगा। यह मेरे विचार से देश के लिए एक दुखद दिन है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लड़ाई खत्म हो गई है।’

उन्होंने उल्लेख किया कि नाटो ने 12 साल पहले रणनीतिक सिद्धांत को अपडेट किया था। उस समय रूस को सहयोगी का दर्जा दिया गया था।

बाइडेन ने कहा, ‘अमेरिका दुनिया का नेतृत्व करने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में है, लेकिन एक चीज जो अस्थिर कर रही है, वह है अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय का अपमानजनक व्यवहार, जिसने न केवल रो बनाम वेड फैसले को खारिज किया, बल्कि अनिवार्य रूप से निजता के अधिकार को भी चुनौती दी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि उच्चतम न्यायालय ने जो किया उससे अमेरिकी लोग निराश क्यों हैं।

बाइडेन ने कहा कि वह सीनेट के बाधाकारी नियमों को बदलने का समर्थन करेंगे, जिसमें अधिकतर कानूनों को पारित करने के लिए 60 वोट की आवश्यकता होती है, ताकि देशव्यापी गर्भपात सुरक्षा को साधारण बहुमत से पारित करने के लिए एक विधेयक लाया जा सके।

तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में बाइडन प्रशासन ने यूरोप में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को स्थायी रूप से मजबूत करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने रूस और चीन से नए खतरे के मद्देनजर ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन को आधुनिक बनाने का श्रेय भी लिया।

इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को आए उच्चतम न्यायालय के आदेश का जिक्र किया जिसमें महिलाओं के लिए गर्भपात को संवैधानिक अधिकार बनाने वाले 50 साल पुराने ‘रो बनाम वेड’ फैसले को पलट दिया गया था।

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