मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित संगठन जामत-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत के समक्ष आतंकी फंडिंग के मामले में पेश किया गया। उसे आज अदालत इसलिए आरोपित नहीं कर पाई क्योंकि आधिकारी सह-अभियुक्त मलिक जफर को अदालत में पेश नहीं कर पाए। मामले की अगली सुनवाई अब 11 दिसंबर को होगी। जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।
बताते चलें कि हाफिज सईद पाकिस्तान सरकार की सुविधाओं का उपभोग करते हुए मनमाने अंदाज में रह रहा है। जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय संयुक्त राष्ट्र के इस घोषित आतंकी सरगना के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता है।
वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि, हम सब जानते हैं कि इन हमलों का दोषी कौन है और हम यह भी जानते हैं कि इसका मास्टरमाइंड कौन है। उन्होंने कहा था कि, हमे पता है कि मास्टरमाइंड खुले में घूम रहा है और पाकिस्तान की मेहमाननवाजी का लुफ्त उठा रहा है।
इसके आगे रवीश कुमार ने कहा कि, हमने उनके साथ सारे सबूत सांझा किया है। कर्वाई करना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है। पाकिस्तान बहानेबाजी कर रहा है। वैश्विक समुदाय को लग रहा है कि पाकिस्तान मुंबई हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गंभीर नहीं है।