रिपोर्ट- पल्लवी त्रिपाठी
नई दिल्ली : कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेहद घातक होती जा रही है। कोरोना महामारी से हर तरफ मौतें हो रही हैं। ऐसे संकट में कई लोग अपनी जान दांव पर लगाकर बतौर कोरोना वॉरियर्स लोगों सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि, इस बीच कोरोना वॉरियर्स का स्वास्थ्य भी ध्यान में रखने वाला विषय है। जिसे देखते हुए जर्मनी की एक कंपनी कोरोना मरीजों और कोरोना मेडिकल स्टाफ के लिए बेहद ही खास तरह की चप्पल लेकर आयी है।
जानकारी के मुताबिक, किसी आम जूते और चप्पलों में 7 घंटे तक बैक्टीरिया चिपके रहते हैं, इन चप्पलों को आसानी से सैनिटाइज किया जा सकता है। बता दें कि सामान्य रूप से किसी व्यक्ति को 8000 कदम चलना फायदेमंद माना जाता है। ये टास्क आप इन वन वेलेक्स जर्मनी चप्पलों को पहनकर 3000 कदम चलकर ही पूरा कर सकते हैं। कंपनी का कहना है इन चप्पलों को पहनकर मरीजों और कोरोना के फ्रंट लाइन वॉरियर्स को काफी राहत मिलेगी।
फैक्टरी में चप्पलों को बनाने का काम बड़े पैमाने पर शुरू हो चुका है। इस खास चप्पल का हर कदम आपके पैर की मांसपेशियों को ढाई गुना दबाता है। जिससे शरीर में खून का सर्कुलेशन और ऑक्सीजन बहुत तेजी से बढ़ता है।
कंपनी का दावा है कि कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर इन चप्पलों और जूतों को बनाने में खास तरह के मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। ये पूरी तरह से वॉशेबल हैं। इन्हें पहनने के बाद आप पूरी तरह से एक्टिव और फिट महसूस करेंगे।
आपको बताते चलें कि कंपनी ने पीएम रिलीफ फंड के तहत देश में जरूरतमंद कोविड मरीज और मेडिकल हेल्थ वर्कर्स को ये जूते देने का ऐलान किया है।
जूता कारोबारी आशीष जैन का कहना है कि कंपनी 10 हजार जोड़ी चप्पलें दान करेगी। जिनकी कीमत करीब 50 लाख रुपये है। देश के अलग-अलग अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से इन चप्पलों को फ्री में दिया जाएगा।