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भारत को मिल सकती है पहली महिला मुख्य आर्थिक सलाहकार, इन तीन नामों पर चल है मंथन

India may get the first woman Chief Economic Advisor; कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का तीन साल का कार्यकाल सात दिसंबर को पूरा हो रहा है। कार्यकाल पूरा होने के बाद शिक्षा जगत में वापस लौट जाएंगे।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्ली : मौजूदा मुख्य आर्थिक सलाहकार सलाहकार(सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का तीन साल का कार्यकाल सात दिसंबर को पूरा हो रहा है। सुब्रमण्यम द्वारा पद छोड़ने की घोषणा के साथ ही उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो चुकी है। ऐसी चर्चा है कि सरकार इस पद पर नियुक्ति के लिए किसी महिला के नाम को प्राथमिकता दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो देश में यह पहली बार होगा जब वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार दोनों महिलाएं होंगी। उन्होंने कहा है कि वह अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद शिक्षा जगत में वापस लौट जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक सरकार में तीन महिलाओं के नामों पर मंथन चल रहा है।

इनमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(आइएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ का भी नाम है, जिन्होंने हाल ही में वहां अपना पद छोड़ने और शिक्षा के क्षेत्र में लौटने का एलान किया है। उन्होंने कहा था कि वे अगले वर्ष जनवरी में आइएमएफ को छोड़ देंगी। उनके अलावा दिल्ली स्कूल आफ इकोनामिक्स की प्रोफेसर डा. पमी दुआ और नेशनल काउंसिल आफ एप्लाइड इकोनामिक रिसर्च(एनसीएईआर) की महानिदेशक पूनम गुप्ता के नामों पर भी चर्चा चल रही है। डा. पमी दुआ को वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने चार वर्षो के लिए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का सदस्य नियुक्त किया था। वह इस समिति में पहली महिला सदस्य थीं।

पूनम गुप्ता नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी में आरबीआइ की चेयर प्रोफेसर थीं। उन्हें हाल ही में प्रधानमंत्री की पुनर्गठित आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है।गीता गोपीनाथ ने कोरोना महामारी से लड़ने में भारत सरकार की जिस तरह से प्रशंसा की है, उसे देखते हुए इस मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है।
हालांकि उनकी अमेरिकी नागरिकता इस राह में रोड़ा बन सकती है।

कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल का नाम भी इस दौड़ में आगे है। कुछ जानकार यह भी कयास लगा रहे हैं कि एक समिति द्वारा सीईए के लिए संभावित नामों के चयन के बाद उसे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति के पास भेजा जाएगा। इसमें काफी समय लग सकता है। ऐसे में यह भी संभावना है कि सरकार बजट पहले जारी कर दें और मुख्य आर्थिक सलाहकार की नियुक्ति को उसके बाद अंतिम रूप दे। हालांकि पहले कभी ऐसा हुआ नहीं है।

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