Despite the instructions of the government, SBI did not return Rs 164 crore extorted from Jan Dhan account holders; एसबीआई ने प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाताधारकों को 164 करोड़ रुपये अभी तक नहीं लौटाए। आईआईटी मुंबई ने तैयार की रिपोर्ट।
नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाताधारकों से अप्रैल, 2017 से दिसंबर, 2019 के बीच डिजिटल भुगतान शुल्क के रूप में अनुचित तरीके से वसूले गए 164 करोड़ रुपये अभी तक नहीं लौटाए। गरीबों को यह रकम लौटाने के सरकार के निर्देश के बावजूद बैंक ने सिर्फ 90 करोड़ रुपये ही वापस किए हैं।
जनधन खाता योजना पर आईआईटी मुंबई ने एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई ने अप्रैल, 2017 से लेकर सितंबर, 2020 के दौरान जन-धन योजना के तहत खोले गए साधारण बचत खातों से यूपीआइ एवं रुपे लेनदेन के एवज में कुल 254 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क वसूला था। इसमें प्रति लेनदेन बैंक ने खाताधारकों से 17.70 रुपये का शुल्क लिया था। इस बारे में जब बैंक का पक्ष जानने के लिए उससे संपर्क किया गया तो कोई जवाब नहीं मिला। खास बात यह है कि किसी भी दूसरे बैंक के उलट एसबीआइ ने एक जून, 2017 से जन-धन खाताधारकों द्वारा डिजिटल लेनदेन करने पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया था। एक महीने में चार से अधिक निकासी करने पर बैंक 17.70 रुपये प्रति लेनदेन का शुल्क ले रहा था। रिपोर्ट तैयार करने वाले सांख्यिकी प्रोफेसर आशीष दास कहते हैं कि अब भी इन खाताधारकों के 164 करोड़ रुपये लौटाए जाने बाकी हैं।
इस जबरन वसूली की अगस्त, 2020 में वित्त मंत्रालय से शिकायत की गई थी। इसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 30 अगस्त, 2020 को बैंकों से एक जनवरी, 2020 से खाताधारकों से लिए शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि भविष्य में ऐसा कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसके बाद बैंक ने 17 फरवरी, 2021 से शुल्क लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।