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विश्व बचत दिवस : धैर्य, अपनापन और करुणा से बचाएं परिवार

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

आज विश्व बचत दिवस है। पूरे विश्व मे बचत की वृत्ति को प्रेरित करने के लिए आज का दिन माना जाता है। जिस तरह से विश्वभर में आर्थिक मंदी का वातावरण छाया हुआ है, बड़ी-बडी अर्थव्यवस्थाएं हिल गई, उस दौर में लोग समझ गए कि जिन्होंने बचत की वो बच गए।

बचत एक वृति है इसे कंजूसी न समझा जाए। खैर, हमारा विषय आर्थिक चिंतन का नही है, लेकिन बचत की वृत्ति जरूर रखिए। बचत का संबंध केवल धन से नही है। जिंदगी में धन के अलावा दो चीजें और बचाएं।

परिवार और समय

इन दोनों को बचत की वृत्ति से जोड़े। बचत का अर्थ ही है कुछ ऐसा महत्वपूर्ण वर्तमान में बचा लेना जो किसी रूप में भविष्य में काम आए। तो समय की बचत करिए, हो सकता है एक दिन ऐसा आए कि आपके पास समय न हो।

इसी तरह अपने परिवार को भी बचाइए। हमारे शास्त्रों में कहा गया है धन तो कमाइए ही, पर आपकी कमाई परमात्मा भी होना चाहिए, जिंदगी के एक मोड़ पर केवल धन काम नही आता, कुछ और की भी जरूरत पड़ती है, कमाने के बाद मनुष्य खर्च भी करता है, तो सेवा खर्च करिए।

कमाने व खर्च करने के बाद व्यक्ति जब कुछ बचाता है तो धन के साथ परिवार भी जरूर बचाइए। बाकी सब बचत बेकार होगी, यदि परिवार नही बचाया।

परिवार बचाना हो तो अपने भीतर धैर्य, अपनापन और करुणा उतारिए, एक छोटा सा अभ्यास प्रतिदिन करिए कि मैं अपने परिवार में धैर्य नही छोडूंगा, मेरे घर को बिखरने नही दूंगा….और कुछ समय रोजाना निकालकर अपने परिवार को जरूर दीजिएगा। परिवार की बचत में यह मंत्र बड़ा मददगार होगा।

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