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बड़ा सवाल — अब पाकिस्तान में आर्मी द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल पर सभी अन्तराष्ट्रीय संस्थाएं खामोश क्यों ?

पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ जो हो रहा है वो पूरी तरह से गलत हो रहा है। लेकिन ये भी सच है कि इमरान खान पाकिस्तान की कौम को लोकतन्त्र का स्वाद चखाना चाहते है बस, जोकि भविष्य में पाकिस्तान के लिए बेहतर ही साबित होगा |

By RNI Hindi Desk 
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मनु चौधरी की कलम से
ये सच है कि अगर आप अपने यहाँ मजहबी कट्टरता फैला कर आतंक की खेती करेगें तब उसमे लगे कीड़े दूसरे के खेत तक जाने से पहले आपकी ही फसल को सबसे पहले बर्बाद करेगें। ये भी सच ही है कि अपने बैकयार्ड में सांप पालेंगे तब वो आपको ही सबसे पहले शिकार करेंगा क्योंकि उसकी फितरत ही यही है।
पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ जो हो रहा है वो पूरी तरह से गलत हो रहा है। लेकिन ये भी सच है कि इमरान खान पाकिस्तान की कौम को लोकतन्त्र का स्वाद चखाना चाहते है बस, जोकि भविष्य में पाकिस्तान के लिए बेहतर ही साबित होगा लेकिन ब्रैनवॉश जनता को कौन समझाये कि शैतान को पत्थर मरना और सेना को पत्थर मारने में अन्तर है।
यह भी कटु सत्य है कि ये जो जनता आज पूरे पाकिस्तान को जला रही है वो महज अपने राजनीतिक नेता खान के लिए ये नहीं कर रही है बल्कि ये पाकिस्तानी जनता इमरान खान को मसीहा के रूप में देख रही है। जनता ने इमरान खान की प्लेबॉय इमेज स्टाइल जीवन को भी माफ़ी दे दी है क्योंकि आज वह अपने मज़हबी रूप में जनता के सामने रहता है जोकि खान के पुनर्जन्म को इंगित करता है। मेरे लिए हैरानी की बात है कि पाकिस्तानी अवाम पाकिस्तानी सेना के खिलाफ खड़ी है और उनके जनरल असीम मुनीर क़तर में मौजूद है जबकि उन्हें अपना दौरा कैंसिल करके अपने देश में अपनी जनता के सामने अपना पक्ष रखने के लिए होना चाहिए था।
मेरा उस सारी अंतरास्ट्रीय मीडिया से और देशों से भी सवाल है जिन्हें कल तक काश्मीर में इंटरनेट बंद होने पर और काश्मीरी महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकार पर यूनाइटेड नेशन से लेकर हर अंतरास्ट्रीय मंच पर विधवा विलाप करते देखा गया था वहीं सब अफगानिस्तान में तालिबान राज आने पर मूक सहमति देते हैं मानो अफगानिस्तान में महिलाओं और बच्चों का कोई वजूद न हो और आज फिर पाकिस्तान में इंटरनेट बंद होने पर सब के मुँह में दही जम गई हो। आज सारा पाकिस्तान जल रहा है और अब किसी को महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकारों की चिन्ता ही नहीं जबकि पाकिस्तान आर्मी लगातार पैलेट गन का इस्तेमाल प्रदर्शन में शामिल बच्चों पर कर रही हैं। कितनी सारी न्यूज़ दो दिन से लगातार मीडिया में आ रही हैं लेकिन कोई अंतरास्ट्रीय संस्था अब विधवा विलाप नहीं कर रही।
अंत में केवल इतना ही कहूंगी कि शायद अब पाकिस्तान आर्मी को समझ आ जाये 21 वि सदी जनता कि है न कि बंदूकों की बाकि जब सारे देश में हर व्यापार आर्मी ही करने का हक़ रखेगी तब जनता भी ऐसे ही बेलगाम होगी। वैसे मैं पाकिस्तानी अवाम को बताना चाहती हूँ कि किसी भी प्रदर्शन में भाग लेने के लिए अपनी एक कीमत तय कीजिये क्यों फ्री में हलाक हो रहें हैं क्योंकि मेरे देश में ऐसे बहुत सारे खरबपति नेता हैं जो प्रदर्शनों का व्यवसाय बहुत शानदार तरीके से चलाते हैं। भोलीभाली जनता आराम से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही होती है और जैसे ही ये लोग वहां पहुंचे और बस वो शांतिपूर्ण प्रदर्शन हाहाकार में बदला। बहुत सारे उद्धरण मैं यहाँ दे सकती हूँ लेकिन हमारी जनता बताये तो ज्यादा बेहतर है। इन आंदोलनकारी नेताओं को लाशों में खुशबू बहुत दूर से ही आ जाती है इसलिए जनता को मुर्दों में बदलना इनका बाएं हाथ का खेल है और खुद 200 करोड़ से ज्यादा के महलों में विराजमान रहते है। वाह रे ये कैसी मानव सभ्यता का विकास हो रहा है ?
Copyright @ Manu Chaudhary

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