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बड़ा सवाल — पाकिस्तान जल रहा है और जनता सड़कों पर लेकिन अभी तक सरकार और पाकिस्तान आर्मी ख़ामोश है। क्यों –?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से ही देश बुरी तरह से सुलग रहा है। गुस्साई जनता अब सेना को भी नहीं बख्शना चाहती है। रावलपिंडी में आर्मी हेडक्‍वार्ट्स से लेकर अलग - अलग शहरों में आर्मी हेडक़्वार्टर्स और लाहौर का गवर्नर हॉउस, नवाज शरीफ के घर पर हुआ हमला यह बताने को काफी है कि इस बार स्थिति पहले जैसी नहीं है।

By RNI Hindi Desk 
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मनु चौधरी की कलम से

पाकिस्तान पर इस समय दुनियाभर की नजरें हैं। कल इस्लामाबाद हाई कोर्ट से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से ही देश बुरी तरह से सुलग रहा है। गुस्साई जनता अब सेना को भी नहीं बख्शना चाहती है। रावलपिंडी में आर्मी हेडक्‍वार्ट्स से लेकर अलग – अलग शहरों में आर्मी हेडक़्वार्टर्स और लाहौर का गवर्नर हॉउस, नवाज शरीफ के घर पर हुआ हमला यह बताने को काफी है कि इस बार स्थिति पहले जैसी नहीं है। गौरतलब है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद जनता में पाकिस्तान आर्मी और जनरल मुनीर के खिलाफ भारी उबाल है।
पाकिस्तान जब से बना है तब से ही लोकतंत्र क्या होता है न उसकी जनता को इसकी समझ है और न ही वहां के हुकमरानों को। 1947 से 2023 तक उनकी जनता ने ज्यादातर मार्शल लॉ ही देखा है या फिर डिक्टेटरशिप। लोकतन्त्र का स्वाद जिस जनता ने न चखा हो उससे इसे निभाने की उम्मीद भी न के बराबर ही रखनी चाहिए। इस समय पाकिस्तान जहां एक तरफ आर्थिक संकट का सामना कर रहा है वहीं राजनितिक अस्थिरता का सामना भी कर रहा है। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि पाकिस्तान पूरी तरह से सिविल वॉर की तरफ बढ़ रहा है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आर्मी के आला अधिकारी कहीं सुरक्षित जगहों पर स्थान्तरित कर दिए गए हैं। अब लगता है जब से इमरान खान गिरफ्तार हुए हैं तब से ही तहरीकें इंसाफ पार्टी के कार्यकर्त्ता मौजूदा शाहबाज शरीफ सरकार और पाकिस्तान आर्मी से आर – पार की लड़ाई के मूढ़ में हैं। गिरफ्तारी की खबर आते ही लाहौर से लेकर रावलपिंडी तक इमरान खान के समर्थकों ने आर्मी कैंट और एयरबेस पर हमला कर और आगजनी करके अपना गुस्सा निकाला। क्योंकि इस्लामाबाद में रैली के दौरान यह आरोप लगाये गये हैं कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे सेना और आईएसआई की साजिश है। यही वजह है कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार देखा गया है जब आईएसआई और सेना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को बेकसूर बताने के लिए मजबूर हुई हो।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जल्द ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ एक बैठक करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इसी बैठक में इमरान खान के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय हो सकती है। कई सारे पाकिस्तानी मामलों के एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्‍तान के लिए अगले 48 से 72 घंटे बहुत ही महत्‍वपूर्ण हैं। पाकिस्तान में कई विकल्‍प अभी मौजूद हैं जो आने वाले समय में हो सकते हैं। इसमें से एक विकल्‍प पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी को आतंकवादी पार्टी घोषित करना शामिल है। इसकी संभावना भी ज्‍यादा है क्‍योंकि पाकिस्तान में जारी हिंसा के बीच सेना की ओर से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई बहुत बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। अब देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान की स्थिति किस करवट बैठती है हालांकि पाकिस्तानी सेना के पास मार्शल लॉ से लेकर पीटीआई पर बैन समेत कई सारे विकल्‍प मौजूद हैं।
Copyright Manu Chaudhary ( मेरा विश्लेषण )

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