पृथ्वी लोक हो या पाताल लोक हो, प्रत्येक प्राणी का हिसाब किताब ईश्वर के पास रहता है। हमारे सारे कर्मों की गणना उनके पास रहती है।
आगे देखा जाते तो 9 ग्रह और 27 नक्षत्रों के आधार पर संसार के जीवों का अस्तित्व टिका हुआ है। इसी के आधार पर मनुष्य के कर्म पारिभाषित होते है।
अपने पिछले जन्म के कर्मों के अनुसार ही उनकी कुंडली में ग्रहों को स्थान प्राप्त होता है और जीवन से लेकर मरण तक उन्ही के प्रभाव में जातक कर्म करता है।
हर मानव को सुख दुःख लाभ हानि सब ग्रहों के द्वारा ही प्राप्त होते है। धन दौलत मिलना हो या गरीब होना हो सब ग्रहों का खेल है। चांडाल योग से लेकर लक्ष्मी योग तक ये सब ग्रह नक्षत्र से ही बनते है।
जैसे एक बैंक में अनेक खाते है लेकिन आप सिर्फ उतना ही पैसा निकाल सकते है जो आपके खाते है ,बैंक एक है लेकिन आप किसी और का पैसा नहीं निकाल सकते। उसके लिए उसकी मंजूरी चाहिए।
ठीक इसी प्रकार ग्रह नक्षत्रों के भी हर इंसान को लेकर बैंकिंग सिस्टम है। सब उसी सिस्टम का हिस्सा है लेकिन जिसके खाते में जितना सुख, वैभव धन लिखा है उतना ही उसे मिलेगा। ये सब हमारे कर्मों के द्वारा निर्धारित होता है।
हर व्यक्ति अम्बानी नहीं बन सकता है लेकिन दान, पुण्य, मेहनत, अच्छे संस्कार इन सबकी मदद से जीवन को सुखी किया जा सकता है। इसलिए हमेशा याद रखना की आपके कर्मों का हिसाब ईश्वर के पास हमेशा रहता है।