रामायण एक ऐसा ग्रन्थ है जिससे आप अपने जीवन को सुखी कर सकते है। जीवन में अगर प्रबंध कोई सीखा सकता है तो वो रामायण के पात्र है। रामायण का हर पात्र अपने आप में आपको बहुत कुछ सीखा रहा है और इसमें गृहस्थ की भी सीख है।
जब मंदोदरी को ये बात चली की किन्ही दो राजकुमारों ने खर दूषण का वध कर दिया है तो वो समझ गई थी की वो कोई सामान्य राजकुमार नहीं है और इसके बाद जब सीता के रूप का बखान सभा में सूर्पणखा के द्वारा किया गया तो वो समझ गई की अब उनके पति यानी रावण गलत राह पर जा सकते है।
उस समय उन्होंने रावण को समझाया की परायी स्त्री को ऐसे हरकर ले आना आपको शोभा नहीं देता आप योद्धा है लेकिन इसके बाद भी रावण ने छल कपट का सहारा लेकर माता सीता का हरण किया।
इसके बाद जब हनुमान जी ने लंका जला दी तब भी रावण ने सीख नहीं ली और जब अंत में राम जी ने समुद्र पर पुल बना दिया तो मंदोदरी समझ गई की अब उसके पति का अंत हो जाएगा और उसने एक बार फिर रावण को नीति और मर्यादा का पाठ पढ़ाने की कोशिश की।
उसने अपने पति से कहा की ये नाथ आप सीता को राम जी को वापिस दे दीजिये और उनसे क्षमा मांग लीजिए। वो राम है करुणा निधान है और वो जरुर आपको माफ़ कर देंगे लेकिन उल्टा रावण ने अपनी पत्नी को ही कायर कह दिया।
पत्नी की सीख को अच्छे से नहीं सुनने का परिणाम ये हुआ की ना सिर्फ रावण बल्कि युद्ध में उसका पूरा कुल नष्ट हो गया। मानस के इस प्रसंग से हम ये सीख सकते है की जीवन में कभी भी अपनी पत्नी की सलाह को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए वरना हानि तय है।