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मेराज अहमद की हत्या के बाद पूर्वांचल में हडकंप, बनारस में मुख्तार गैंग को करता था लीड

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

चित्रकूट: जिला जेल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जेल में बंद कैदी अशुल दीक्षित ने माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी कहे जाने वाले मेराज अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं अंशुल ने पश्चिम यूपी के दुर्दांत अपराधी मुकीम काला को भी गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। जेल में हुए इस खूनी संघर्ष से प्रशासन में हड़कंप मच गया। जवाबी कार्रवाई में अंशुल भी मुठभेड़ में ढ़ेर हो गया।

जेल में हुई अचानक गोलीबारी से पूर्वांचल के जरायम जगत में हलचल मच गई है। इतना ही नहीं सफेद पोश नेता भी मेराज की हत्या को लेकर हैरान हैं। मेराज के हत्या की खबर मिलते ही जैतपुरा थाना क्षेत्र के अशोक विहार कॉलोनी में स्थित उसके घर के बाहर करीबियों की भीड़ जुटने लगी।

आपको बता दें कि मूल रूप से गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के महेन गांव का रहने वाला और मौजूदा वक्त में अशोक बिहार कॉलोनी में रहने वाले मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज को फर्जी दस्तावेज के आधार पर असलहों का लाइसेंस बनवाने के मामले में चित्रकूट जिला कारागार में बंद था। चित्रकूट जिला कारागार प्रशासन ने बताया कि जेल के उच्च सुरक्षा बैरक में निरुद्ध अंशु दीक्षित जो सुल्तानपुर का रहने वाला था, शुक्रवार सुबह लगभग 10 बजे बंदी मुकीम काला और मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज की गोली मार कर हत्या कर दी। इसके अलावा उसने पांच अन्य बंदियों को बैरक में बंधक बना लिया।

मामले  की जानकारी होते ही मौके पर चित्रकूट के DM और SP फोर्स के साथ पहुंचे, लेकिन अंशुल बंधक बनाए गए पांच बंदियों को भी गोली मारने वाला था। जिसे देखते हुए पुलिस टीम के द्वारा जवाबी कार्यवाही में उनको ढेर कर दिया गया।

मुख्तार के कबीरी मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज की बात करें तो वह बीते 20 मार्च को प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जिला कारागार में भेजा गया था। भाई मेराज बाहुबली मुख्तार अंसारी के अलावा प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी के लिए भी काम करता था। बजरंगी गिरोह से जुड़कर उसने पूर्वांचल के कई व्यापारी और जमीन कारोबारियों को टारगेट किया।

बजरंगी गिरोह मेराज के इशारों पर व्यापारियों से रंगदारी वसूलती थी। इस काम के लिए भाई मेराज ने करीमुद्दीनपुर के महेन गांव से लेकर वाराणसी जिले तक में अपने गुर्रों का खास नेटवर्क चलाता था। वसूली के एक आरोप में भाई मेराज लंबे समय तक तिहाड़ जेल में भी बंद था।

जबकि अंशुल दीक्षित की बात करें तो माना जा रहा है कि 2019 से लेकर मौजूदा समय तक चित्रकूट जिला कारागार में रहने के दौरान अंशुल दीक्षित ने जेल के अंदर अपनी अच्छी पैठ बना ली थी। मुकिम काला और भाई मेराज समेत कुछ अन्य बंदियों से अंशुल का विवाद भी होता रहता था।

 

 

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