उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली वर्चुअल रैली सोमवार को आयोजित हुई। इसमें गौतमबुद्धनगर की दादरी व जेवर विधानसभा में 11 स्थानों को चुना गया है,
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली वर्चुअल रैली सोमवार को आयोजित हुई। इसमें गौतमबुद्धनगर की दादरी व जेवर विधानसभा में 11 स्थानों को चुना गया है, लेकिन जिले की सबसे महत्वपूर्ण और देश की राजधानी से सटी नोएडा विधानसभा को शामिल ही नहीं किया गया है। जहां पर संगठन पदाधिकारियों के साथ-साथ कार्यकर्ता और मतदाताओं को रैली में शामिल हुए। इससे नोएडा विधानसभा चुनाव में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
कहा जा रहा है कि गौतमबुद्धनगर की सबसे वीआइपी सीट नोएडा विधानसभा जिस पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह चुनाव मैदान में है, उस विधानसभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल रैली से दूर करने का मतलब पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। या तो संगठन इस विधानसभा को पूरी तरह से भाजपा के लिए सुरक्षित माना जा रहा है, यहां पर किसी वीआइपी का कार्यक्रम लगाना नहीं चाहता है। या फिर संगठन में ही प्रत्याशी को लेकर खींचतान चल रही है। यह गुटबाजी अब संगठन व पार्टी से निकलकर सामने आने लगी है।
पहली वर्चुअल रैली में 71 विधानसभा में सिर्फ 12 विधानसभा को शामिल किया गया है। कुल 98 स्थानों से 49 हजार लोगों को जोड़ा जाएगा। ऐसे में एक स्थान से 500 लोग वर्जुअल रैली में शामिल होंगे।
किसानों पर पीएम मोदी ने कहा, भारत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एक-एक गरीब परिवार का ध्यान रख रहा है। उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ नागरिकों को डबल इंजन सरकार मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है।ये वही उत्तर प्रदेश है जहां 5 साल पहले राशन की दुकानों से गरीबों का राशन चोरी हो जाता था। गरीबों की सरकार की प्राथमिकता क्या है, ये दुनिया में आए 100 साल में सबसे बड़ा संकट से पता लगा है। इतनी बड़ी महामारी आई, उस समय गरीबों के लिए जीने वाली सरकार कैसे काम करती है, ये आज देश अनुभव कर रहा है। पीएम गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत देश के एक-एक नागरिक का ध्यान रखा गया है। हमारा लक्ष्य था कि किसान को मिलने वाली सरकारी मदद में लूट बंद हो, बेइमानी बंद हो,यूपी के छोटे किसानों के बैंक अकाउंट में सीधी मदद मिले। आज पीएम किसान सम्मान निधि से यूपी के किसानों को 43 हजार करोड़ रुपए से अधिक सीधे उनके बैंक खातों में मिले हैं। इसका लाभ छोटे किसानों को हुआ है। 2017 से पहले की तुलना में दोगुने से भी अधिक खरीद बीते 5 सालों में MSP पर की गई है। हमने गन्ना किसानों की दिक्कतों को समझते हुए उनके बकाए के जल्द से जल्द भुगतान का भी लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य को भी हमने तेजी से पूरा किया।