मेवातः जमीअत उलमा-ए-हिंद ने फिरोज़पुर झिरका मेवात में आज उन दंगा पीड़ितों के लिए जिनके मकानों को मेवात दंगे के बाद प्रशासन ने यह कहते हुए ढहा दिया था कि यह वन विभाग की भूमि है, पुनर्वास के लिए औपचारिक रूप से ज़मीन ख़रीद ली है, हालांकि लोग 90 साल
मेवातः जमीअत उलमा-ए-हिंद ने फिरोज़पुर झिरका मेवात में आज उन दंगा पीड़ितों के लिए जिनके मकानों को मेवात दंगे के बाद प्रशासन ने यह कहते हुए ढहा दिया था कि यह वन विभाग की भूमि है, पुनर्वास के लिए औपचारिक रूप से ज़मीन ख़रीद ली है, हालांकि लोग 90 साल
लोग आए, दिलासा देकर चले गए लेकिन काम जमीअत उलमा-ए-हिन्द ने किया..”, यह प्रतिक्रिया महाड कोकण के उन बाढ़ पीड़ितों की है जिन्हें पिछले दिनों अध्यक्ष जमीअत उलमा-ए-हिन्द मौलाना अरशद मदनी ने ख़ुद अपने हाथों से नवनिर्मित और मरम्मत किये गए घरों की चाभियां सौपीं, स्पष्ट हो कि कोकण महाड
रिपोर्ट: ख़ुर्शीद रब्बानी जहांगीर पुरी, शाहीनबाग़, दिल्ली, यूपी, एमपी, गुजरात और उत्तराखंड राज्यों में अतिक्रमण के नाम पर गरीबों की संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वाले बुलडोज़र के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर भारतीय संघ द्वारा हलफनामा दाखिल न करने के चलते सुनवाई स्थगित कर दी गई है, हालांकि
रिपोर्ट: ख़ुर्शीद रब्बानी झूठ और नफ़रत द्वारा मुसलमानों को निशाना बनाने और हिंदूओं-मुसलमानों के बीच घृणा फैलाने की सोची समझी साज़िश करने वाले टीवी चैनलों और पिंट मीडीया के खि़लाफ़ मौलाना अरशद मदनी अध्यक्ष जमीअत उलमा-ए-हिंद के निद्रेश पर सुप्रीमकोर्ट में दाखिल याचिका पर जल्द सुनवाई किए जाने के सम्बंध
ख़ुर्शीद रब्बानी नई दिल्ली: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुसलमानों को मारने की धमकी देने वालों के ख़िलाफ सख़्त क़ानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ मुसलमानों का मामला नहीं है बल्कि देश के संविधान, क़ानून, एकता और अखंडता का मुद्दा है। मौलाना अरशद