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एक बार फिर सामने आया आरफा खानम शेरवानी का दोहरा चेहरा : पढ़िये

By RNI Hindi Desk 
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देश में ऐसे कई पत्रकार है जो बुद्धिजीवी का चोला ओढ़कर देश और समाज में गंदगी फैलाते रहते है और इनका काम बस मोदी सरकार का विरोध करना और कम्युनल अजेंडा चलाना है, ये वो लोग है जो मोदी को हिटलर कहते है लेकिन इनका दोहरा चेहरा तब उजागर हो जाता है जब कोई इनका विरोध करने लगे और THE WIRE की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी भी उन्ही पत्रकारों में से एक है।

दरअसल आरफा जैसे लोग वैसे तो देश में गंगा जमुनी तहजीब की बात करते है लेकिन जब सरकार कोई इनकी राय के विरुद्ध जाकर निर्णय लेती है तो इनके अंदर का कट्टरपंथी उछल उछल कर बाहर आता है, दरअसल मोदी सरकार ने जबसे नागरिकता कानून पास किया है तबसे इनकी गंगा जमुनी तहजीब किसी ताले में बंद हो गयी लगती है और उसके बाद से ही ये लगी देश को भड़काने।

भारत माता की जय वो नारा है जिसे लगाकर देश के शहीद फांसी का फंदा झूल गए लेकिन आरफा को वो नारा सांप्रदायिक लगता है, नागरिकता कानून का देश के मुस्लिमो से कोई लेना देना नहीं है लेकिन आरफा का काम गलतफहमी फैलाना और देश के मुस्लिमों को भड़काना है, जब देश में किसी हिन्दू की हत्या किसी मुस्लिम के द्वारा की जाती है तो इनके मुँह में दही जम जाता है लेकिन अगर किसी हिन्दू के हाथो किसी मुस्लिम को थप्पड़ भी मार दी जाए तो पूरा हिंदू धर्म ही इनके लिए आतंकी हो जाता है।

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कश्मीर में मुस्लिमो की मानवाधिकार की बात करने वाली ये पत्रकार चीन में उइगर मुस्लिमों के अधिकारों पर चुप है, चीन में आपको नमाज़ पढ़ने के लिए भी इज़ाज़त लेनी होती है लेकिन इन लोगो का काम बाद देश के मुस्लिमो को भड़काना होता है लेकिन एक बार फिर आरफा खानम शेरवानी की चोरी पकड़ी गयी है, दरअसल आरिफ अजाकिया जो की पाकिस्तान में ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट है उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर आरफा के ट्वीट के स्क्रीन शॉट पोस्ट किये है।

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इस स्क्रीनशॉट में उनके 2 ट्वीट है, 1 ट्वीट में आरफा कह रही है की भारत माता की जय साम्प्रदायिक है क्यूंकि ये देवी का भाव देता है, आगे वो लिखती है की ये आपके धर्म को सूट कर सकता है लेकिन एक ईश्वर में मानने वाले लोगो को यह स्वीकार नहीं होगा, यानी की हिन्दू धर्म को निशाने पर लेने के चक्कर में उन्होंने देश को बदनाम करने में भी कसर नहीं छोड़ी लेकिन जब आप अपनी निगाहे दूसरे ट्वीट पर डालेंगे तो आप जान पायेगे की क्यों इन लोगो को दोमुंहा कहा जाता है.

एक विशेष धर्म के नारे को कोट करते हुए आरफा लिखती है की ” इंशा अल्लाह ” और “अल्लाह हूँ अकबर ” जैसे नारे कम्युनल नहीं है और हम CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में इनका इस्तेमाल कर सकते है और ये वही दोगले पत्रकार है जो भारत माता की जय को कम्युनल कहते है, जय श्री राम इन्हे डराता है लेकिन अपने धर्म की जब बात आती है तो इनके लिए देश पीछे हो जाता है।

आरिफ अजाकिया के इस ट्वीट को ABP न्यूज़ की एंकर रुबिका ने भी रीट्वीट किया है और अपनी बात कही है, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा की जी ” बिलकुल सही ” दरअसल आरिफ ने ट्वीट किया की ऐसे कट्टर सोच वाले लोग सिर्फ भारत में हो सकते है क्यूंकि यह देश सहिष्णु है।

आपको बता दे की रुबिका समय समय पर ऐसे लोगो की पोल खोलती रहती है जो धर्म के नाम पर सांप्रदायिक सोच फैलाने का और इस देश के मुस्लिमो को भड़काने का काम करते है लेकिन अब देश की जनता जागरूक है और इनके एजंडे को एक्सपोज करना अच्छे से जानती है।

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