अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 विवादित ढांचा विध्वंस मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विषेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी करने का स्वागत करते हुए इसे ‘सत्य की जीत’ करार दिया। कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी में खुशी की लहर दौड़ गई है।
आडवाणी ने कहा कि ”आज का जो निर्णय हुआ है वो अत्यंत महत्वपूर्ण है, हम सब के लिए बहुत खुशी का प्रसंग है. जब यह समाचार सुना, जय श्री राम कह कर हमने इसका स्वागत किया।”
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा, ‘स्पेशल कोर्ट का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सभी के लिए बहुत खुशी का प्रसंग है।
जब ये समाचार सुना तो जय श्री राम कहकर इसका स्वागत किया। लंबे समय बाद अच्छा समाचार मिला।
इस फैसले ने मेरे निजी और बीजेपी का राम जन्मभूमि मूवमेंट की भावना को भी सही साबित किया है। मैं इस फैसले का तहेदिल से स्वागत करता हूं।
कोर्ट के फैसले के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद आडवाणी के घर उनसे मिलने पहुंचे। पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया।
जोशी ने कहा, ‘कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं. अदालत ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया, मैं तमाम अधिवक्ताओं को जिन्होंने शुरुआत के दिन से ही हर स्तर पर इस मामले में सही तथ्यों को न्यायालय के सामने रखा, उनकी परिश्रम से और लोगों की गवाही से ये फैसला सामने आया है।’
जोशी ने कहा, ‘राम मंदिर आंदोलन एक काफी अहम वक्त था, इसका उद्देश्य देश की मर्यादाओं को सामने रखना था. अब राम मंदिर का निर्माण भी होने जा रहा है, जय जय सिया राम, सबको सन्मति दे भगवान।
फैसले के तत्काल बाद भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने ट्वीट कर कहा, ‘बाबरी इमारत विध्वंस मामले में आरोपी सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। अदालत ने विध्वंस के पीछे किसी प्रकार के षड्यंत्र होने की बात को खारिज किया है। अदालत ने माना है कि विध्वंस उकसावे की तात्कालिक प्रतिक्रिया का परिणाम था। सत्य की जीत होती है।’
All 32 accused acquitted in the Babri building demolition case . Court rules out any conspiracy behind the demolition . Considers the demolition a spur of the moment .
TRUTH PREVAILS .— B L Santhosh (@blsanthosh) September 30, 2020
राजनाथ सिंह ने कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट करते हुए कहा, ‘लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।’
लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत ३२ लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूँ। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 30, 2020
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘सीएम फैसले का स्वागत करते हैं। यह साबित करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए संतों, भाजपा नेताओं, विहिप के पदाधिकारियों को बदनाम करने के इरादे से फंसाया था। इस साजिश के लिए जिम्मेदार लोगों को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए।’
सत्यमेव जयते!
CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों,@BJP4India नेताओं,विहिप पदाधिकारियों,समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फँसाकर बदनाम किया गया।
इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
बता दें कि अयोध्या में छह दिसम्बर 1992 बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल बाद अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने ये भी कहा कि मस्जिद का विध्वंस सुनियोजित नहीं था। अदालत ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले।