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भारतीयों की सुरक्षा को लेकर गृहयुद्ध के बीच सूडान पहुंचे दो भारतीय विमान, INS सुमेधा भी पोर्ट पर मौजूद

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए ये जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि सूडान में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए वायु और जल मार्ग दोनों विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। हालांकि जमीनी आवाजाही सुरक्षा स्थिति पर निर्भर है। फिलहाल वायु सेना के दो C-130 विमान सऊदी अरब के जेद्दा में स्टैंडबाय पर तैनात हैं और आईएनएस सुमेधा सूडान पोर्ट पहुंच गया है। सूडान का हवाई क्षेत्र वर्तमान में सभी विदेशी विमानों के लिए बंद है।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्लीः भारत ने सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड ऑन कर दिया है। सूडान में उभरते सुरक्षा हालात पर करीब से निगरानी के साथ-साथ भारत ने वायुसेना के दो विमानों और एक नौसैनिक पोत को करीबी इलाके में तैनाती के लिए भेज दिया है। वायु सेना के दो ‘सी-130’ विमान और नौसेना का ‘आईएनएस सुमेधा’ जहाज सऊदी अरब और सूडान पहुंच चुके हैं। वायु सेना के जहाज सऊदी अरब के जेद्दा में तैनात हैं, जबकि आईएनएस सुमेधा सूडान बंदरगाह पहुंच गया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए ये जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि सूडान में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए वायु और जल मार्ग दोनों विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। हालांकि जमीनी आवाजाही सुरक्षा स्थिति पर निर्भर है। फिलहाल वायु सेना के दो C-130 विमान सऊदी अरब के जेद्दा में स्टैंडबाय पर तैनात हैं और आईएनएस सुमेधा सूडान पोर्ट पहुंच गया है। सूडान का हवाई क्षेत्र वर्तमान में सभी विदेशी विमानों के लिए बंद है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हिंसा में 413 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,551 लोग घायल हुए है। WHO ने कहा कि इसकी कीमत बच्चों को चुकानी पड़ रही है। हिंसा में 9 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। WHO की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने संयुक्त राष्ट्र की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 15 अप्रैल के बाद से अबतक कई हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 अटैक हुए हैं। हैरिस ने कहा कि सूडान में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 20 से ज्यादा अस्पताल बंद हो गए हैं। जबकि 12 बड़े अस्पताल ऐसे हैं जो कि हिंसा के चलते बंद होने की कगार पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर यही हालात रहे तो लोग इलाज कहां कराएंगे। कुछ लोग ऐसे हैं जो हिंसा में घायल हो रहे हैं, जबकि कुछ लोगों को पहले से नियमित रूप से अस्पतालों में इलाज कराने की जरूरत हैं, उन्हें परेशानी का सामना करना होगा। वहीं यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने कहा बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं और बिजली तक उनकी पहुंच नहीं है। लोग खाना, पानी और दवा से बाहर निकलने के लिए भी डर रहे हैं। एल्डर ने कहा कि सूडान में पहले से ही सूडान में कुपोषण दर दुनिया में सबसे ज्यादा है. यूनिसेफ के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास ऐसी जानकारी है कि सूडान मे लगभग 50,000 बच्चों का जीवन खतरे में हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारत जटिल और उभरती सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए को-ऑर्डिनेशन भी कर रहा है। सरकार ने कहा कि भारत कई विकल्पों को फॉलो कर रहा है। सूडानी अधिकारियों के अलावा, सूडान में भारतीय दूतावास भी संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ लगातार संपर्क में हैं। अफ्रीकी देश सूडान में संघर्ष तेज हो गया है। वहां सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच देशभर में जंग छिड़ गई है। दोनों ही देश की सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। आंकड़ा और बढ़ सकता है। सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच जंग से हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि पड़ोसी मुल्कों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है। इस जंग में एक भारतीय अल्बर्ट ऑगस्टाइन की भी मौत हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सूडान में भारतीयों की संख्या करीब 4,000 है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों को निकालने का प्लान तैयार है।

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