'Opponents don't want us to enter the fray': Rajewal... पंजाब की नई पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा के अध्यक्ष राजेवाल ने हाल ही में बयान जारी किया है। उनका कहना है कि विपक्षी पार्टी नहीं चाहती कि वो चुनाव लड़े।
रिपोर्ट: खुशी पाल
पंजाब में विधानसभा चुनाव की घमासान लड़ाई अभी जारी है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। जैसा कि हम सब जानते है कि पंजाब में इस बार एक नई पार्टी का गठन हो रही है। इस पार्टी के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल है जो कि दिल्ली में संघर्ष करने के बाद चुनाव लड़ने मैदान में उतरे है।
वहीं, आपको बता दें कि पार्टी को इस समय कई तरह की जटिलताओं का सामना पड़ रहा है। आपको बता दे कि संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) की अभी रजिस्ट्रेशन नहीं हुई है। वहीं, वह अपनी पार्टी से 102 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार चुके हैं। पार्टी इस वक्त पूर्ण प्रयास कर रही है कि उसे अपनी पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह प्राप्त हो जाए। जिसके लिए पार्टी अधयक्ष बलवीर सिंह राजेवाल को शुक्रवार को पूरी उम्मीद भी थी कि उन्हें चुनाव चिन्ह मिल जाएगा, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें पार्टी का चिन्ह नहीं मिल पाया। दिन पर दिन चुनाव तारीख पास आते जा रही है। चुनाव चिन्ह न मिलने पर पार्टी के नेताओं के बीच चिंताएं बनी हुई है।
आपको बता दें कि पार्टी अध्यक्ष राजेवाल चुनाव चिन्ह को हासिल करने के लिए जी-जान लगा रहें हैं। जिसके लिए उन्होंने शुक्रवार को पूरा दिन चुनाव आयोग के कार्यालय के चक्कर काटें। लेकिन फिर भी उन्हें चुनाव चिन्ह नहीं मिल पाया। इस मामले में महलकलां से उम्मीदवार एडवोकेट जसपाल सिंह खेड़ी कहते हैं कि मोर्चा ने पहले तो टिकट देने में ही देरी की है।
पार्टी का मानना है कि मोर्चा पार्टी के सभी उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मानना है कि उन्हें प्रचार के लिए कम समय मिला है। चिंताएं यहीं नहीं रूकती, इसके अलावा उन्हें अब चुनाव चिन्ह भी मुहैया नहीं कराया गया। इससे समस्या तो बढ़ रही है, लेकिन हम इससे पीछे नहीं हटना वाले। आयोग को कोई तो चुनाव चिन्ह देना ही पड़ेगा। मोगा से चुनाव लड़ रहे नवदीप संघा का कहना है कि कुछ रिवायती पार्टियां हैं जो नहीं चाहतीं कि हम चुनाव मैदान में आएं, हमें परेशान करने के तरीके ढूंढे जा रहे हैं। मोर्चा को इस पर फैसला जल्द लेना चाहिए।
अगर SSM की रजिस्ट्रेशन नहीं होती है और उन्हें चुनाव चिन्ह नहीं मिलता है तो इनके सभी उम्मीदवारों को आजाद उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव मैदान में उतरना होगा। फिर चुनाव आयोग की तरफ से अपने तौर पर हर उम्मीदवार को अलग चुनाव चिन्ह दिया जाएगा। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि मोर्चा को अपनी पहचान बनानी मुश्किल होगी और इससे वोट भी कम हो सकते हैं। जिस कारण सभी नेता ज्यादा परेशान हैं।
बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमें चुनाव में आने से रोकने के लिए कई ताकतों का जोर लगा हुआ है। हम तो समाज में सुधार के लिए चुनाव में उतरे हैं। हमारा राजनीतिक फायदा कुछ भी नहीं है। कुछ पार्टियों को अपनी सत्ता जाती दिख रही है तो वही जानबूझकर समस्या खड़ी कर रही हैं। चुनाव चिन्ह तो आयोग को देना ही पड़ेगा। इसके लिए हमारे वकील प्रयास कर रहे हैं।