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इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आया भगोड़ा मेहुल, अब बुरी हो चुकी है हालत, वकील ने किया टॉचर्र का खुलासा…

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक(PNB) से 13,500 करोड़ रुपये का घोटाला करके भागे मेहुल चोकसी को अवैध तरीके से कैरेबियन आइसलैंड देश डोमिनिका में प्रवेश करने के मामले में डोमिनिका की हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। उसे अब मेडिकल आधार पर इलाज के लिए एंटीगुआ जाने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने यह आदेश संयुक्त सहमति दे दिया। मेहुल ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है।

मेहुल के वकील ( घोटाला केस) विजय अग्रवाल के मुताबिक, मेहुल को इतना टॉर्चर किया गया है कि उसे न्यूरोलॉजिकल इश्यू (तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारी) हो गई है। हमारा यही स्टैंड था कि एक आरोपी को अपने पसंद के डॉक्टर से इलाज कराने का अधिकार है। बता दें कि पिछली सुनवाई में मेहुल व्हीलचेयर पर कोर्ट पहुंचा था, लेकिन इस बार उसे बेड पर लिटाकर ले जाना पड़ा।

मेहुल को जूम के जरिये अस्पताल के बिस्तर से कोर्ट में पेश किया गया। चोकसी की कानूनी टीम का नेतृत्व त्रिनिदाद के सीनियर एडवोकेट डगलस मेंडेस कर रहे हैं।

बता दें कि यह सुनवाई मेहुल के अवैध तरीके से डोमिनिका में घुसने के मामले में चल रही थी। 23 मई को मेहुल चोकसी एंटीगुआ से गायब हो गया था। 2 दिन बाद उसे डोमिनिका में पकड़ा गया था। भारत लगातार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।

मेहुल ने 2013 में शेयर बाजार में हेराफेरी करके यह फ्रॉड किया था। उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकला हुआ है, लेकिन इस बीच वो एंटीगुआ भाग निकला। जांच एजेंसियों ने उसे भगोड़ा घोषित करते हुए उसकी अब तक 2,500 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। मेहुल ने एंटीगुआ और बारबुडा में काफी बड़ा निवेश कर रखा है। उसने वहां की नागरिकता ले ली है। उसे नवंबर, 2017 में कैरेबियाई राष्ट्र द्वारा निवेश कार्यक्रम के तहत नागरिकता दी थी। मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया था कि भगोड़े विजया माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को जल्द भारत लाया जाएगा। वे राज्यसभा में बीमा संशोधन विधेयक पर एक बहस का जवाब दे रही थीं।

मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के वकील ने  जून, 2017 को बंबई हाई कोर्ट में सफाई दी थी कि हीरा कारोबारी इलाज के लिए एंटीगुआ गया है, न कि भागा है। चोकसी ने अपने वकील विजय अग्रवाल के जरिए कोर्ट में हलफनामा दायर करके कहा था कि उसने मेडिकल जांच और उपचार के लिए जनवरी 2018 में देश छोड़ा था। इसक बाद मेहुल लगातार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देकर भारत लौटने में असमर्थता जताता रहा। चोकसी के अलावा उसका भतीजा नीरव मोदी भी पीएनबी घोटाले के आरोप हैं। ईडी और और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) दोनों इनकी तलाश कर रही हैं।

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था मेहुल की एंटीगुआ  और बारबूडा ने नागरिकता रद्द कर दी है। इस पर मार्च में उसके वकील विजय अग्रवाल ने सफाई दी थी कि यह मामला सिविल कोर्ट में चल रहा है। अभी उसकी नागरिकता रद्द नहीं की गई है। वहां के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने भी तब कहा था कि मेहुल ने कानूनी रास्ता अपनाया है। इसलिए इस मामले को सुलझने में 7 साल लग जाएंगे।

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