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जानिए क्या है देश में सबसे अधिक प्रदूषण बढ़ने और समय से पहले मौत की बड़ी वजह; सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

Know what is the biggest reason for increasing pollution and premature death in the country; देश में लगातार बढ़ते प्रदूषण मामले में ICMR का बड़ा खुलासा। ICMR ने जारी की एक रिपोर्ट। ICMR के अनुसार ये है प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण।

By Amit ranjan 
Updated Date

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट भी काफी सख्त है। एक तरफ जहां उन्होंने प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार की जमकर फटकार लगाई। वहीं दूसरी तरफ केंद्र और अन्य राज्यों को भी प्रदूषण नियंत्रण को लेकर मंगलवार तक का डेडलाइन दिया गया है।

क्या है प्रदूषण और समय से पहले मौत की बड़ी वजह

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में कोयले से चल रहे पावर प्लांट प्रदूषण और समय से पहले होने वाली मौतों (Premature Mortality) की सबसे बड़ी वजह हैं। इसके साथ ही आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वायु प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज (Air Pollution and Climate Change) पर लगाम लगाने के लिए कोयले से ईंधन बनाने पर निर्भरता कम करनी होगी।

इस वजह से हुई मृत्यु दरों में बढ़ोतरी

रिपोर्ट के अनुसार, पावर प्लांट, उद्योगों और घरों में कोयला जलाने की वजह से भारत में समय पूर्व मृत्यु की दर में बढ़ोतरी हुई है। भारत में प्रदूषण और समय से पहले होने वाली मौतों (Pollution and Premature Mortality) में दूसरी सबसे बड़ी वजह औद्योगिक प्रदूषण (Industrial Pollution) है, जबकि तीसरे नंबर पर वाहनों से निकलने वाला धुआं है। आखिरी में जानवरों से होने वाला प्रदूषण भारत में असमय मौतों की वजह है।

पीएम-2.5 से होने वाली मौतों में 9 प्रतिशत की वृद्धि

रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि साल 2015 की तुलना में साल 2019 में कोयले से निकलने वाले पीएम 2.5 से संबंधित मौतों की संख्या में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साल 2019 में भारत में केवल पीएम-2.5 पॉल्यूशन की वजह से 9 लाख 7 हजार मौतें हुई थी। इनमें से 17 प्रतिशत यानी 1 लाख 57 हजार मौतें पावर प्लांट के कोयले से निकलने वाले पीएम-2.5 कणों से हुई। 2015 के मुकाबले ये मौतें 9 प्रतिशत ज्यादा हैं।

प्रदूषण को रोकने को लेकर ICMR ने तैयार किया दिशानिर्देश

आईसीएमआर (ICMR) ने भारत में क्लाइमेट चेंज और प्रदूषण को कम करने के लिए इस रिपोर्ट के आधार पर द लांसेट (The Lancet) के साथ मिलकर नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। रिपोर्ट की पॉलिसी रिकमेंडेशन के मुताबिक भारत को कोयले से ईंधन बनाने की निर्भरता छोड़नी होगी। इसके अलावा गाड़ियो और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण पर भी लगाम लगानी होगी। इसके साथ ही जानवरों से होने वाले प्रदूषण को निपटाने का बेहतर तरीका अपनाना होगा। एग्रीकल्चर के क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण में 46 प्रतिशत योगदान जानवरों के कटने से होने वाला प्रदूषण है।

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