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देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, पढ़ें

इतिहास  से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता. इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। हर गुजरता दिन इतिहास में कुछ घटनाओं को जोड़कर जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस 28 मार्च 1941 में नजरबंदी से बचकर बर्लिन पहुँचे थे।

By RNI Hindi Desk 
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इतिहास  से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता। इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। हर गुजरता दिन इतिहास में कुछ घटनाओं को जोड़कर जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस 28 मार्च 1941 में नजरबंदी से बचकर बर्लिन पहुँचे थे। भारत की आजादी के आंदोलन में ऐसे अनेक क्रांतिकारी उभरे जिन्होंने मुल्क को पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और हमेशा के लिए अपने देशवासियों के दिलों पर छा गए।

ऐसे ही एक क्रांतिकारी हैं, अपना सबकुछ देश की आजादी के लिए दांव पर लगाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे महान देशभक्त और कुशल नेता सुभाष चंद्र बोस अंग्रेजों  के लिए सबसे खतरनाक व्यक्ति थे. ब्रिटिश सरकार सुभाष बोस को हथकड़ियां पहनाने के बहाने खोजती थी। वह किसी भी कीमत पर उन्हें आजाद नहीं छोड़ना चाहती थी. उनकी गतिविधियों ने ना सिर्फ अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए बल्कि उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपनी एक अलग फौज भी ख़डी की थी जिसे नाम दिया ‘आजाद हिन्द फौज’. सुभाष चन्द्र ने सशस्त्र क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को ‘आजाद हिन्द सरकार’ की स्थापना की तथा ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन किया।

देश को जय हिन्द का नारा देने वाले तथा इसी ललकार के साथ अंग्रेजी हुकूमत का डटकर सामना करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी वीरों में बड़े सम्मान व श्रद्धा के साथ लिया जाता है। अत्यंत निडरता से सशस्त्र उपायों द्वारा सुभाष चंद्र बोस ने जिस प्रकार अंग्रेजों का मुकाबला किया उसके जैसा अन्य कोई उदाहरण नहीं मिलता है। तभी इनका पूरा जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग ने 28 मार्च 1965 में काले अमेरिकियों के अधिकारों के लिए एलाबामा की राजधानी मॉटगुमरी में 25 हजार लोगों के साथ मार्च निकाला था  क्या आपने कभी सुना है कि यदि हवाई जहाज उड़ाते हुए पायलटों को पता चले कि उनके जहाज में कोई क्रांतिकारी एक सामान्य यात्री के रूप में यात्रा कर रहा है, तो वे कॉकपिट से बाहर आकर हवा में ही उसका ऑटोग्राफ मांगने लगें. भारतीय पायलटों ने ऐसा एक बार नहीं कई बार किया, और वे महान क्रांतिकारी थे मार्टिन लूथर किंग जूनियर. किंग जूनियर के प्रति पूरे भारत में इतना प्रेम था और उनके आंदोलनों को भारतीय प्रेस में भी इतना अधिक कवरेज मिला था कि कई बार गांवों और कस्बों में भी उन्हें आसानी से पहचान लिया गया।

महात्मा गांधी तो कभी अमेरिका नहीं गए, लेकिन अमेरिकी समाज ने किंग जूनियर में ही अपनी तरह के गांधी की झलक देखी थी–भारत के गरीबों की स्थिति से किंग जूनियर बहुत विचलित हुए थे। एक तरफ फुटपाथ पर सोते हुए लोग, भयानक कुपोषण और भुखमरी, और दूसरी ओर यहां के अमीरों की जीवन-शैली, आवश्यकता से अधिक भोजन और सज-धज को देखकर उन्होंने लिखा है कि ‘बुर्जुआ वर्ग— चाहे वह श्वेत हो, अश्वेत हो या भूरा हो वह दुनियाभर में एक ही जैसा व्यवहार करता है। 28 मार्च को जन्मे व्यक्ति प्रसिद्ध रूसी साहित्यकार मैक्सिम गोर्की का 28 मार्च  1868 में जन्म हुआ था पॉप गायिका लेडी गागा का 28 मार्च  1986 में जन्म हुआ हुआ था। 28 मार्च को हुए निधन 28 मार्च 1552 में सिक्खों के दूसरे गुरु का गुरु अंगद देव का निधन हुआ था। सिख इतिहास बहुत महान है। सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने 15वीं सदी में सिख धर्म की स्थापना की थी। सिखों के दस गुरू हुए हैं। दस गुरुओं के उपदेश श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं। सिख श्री गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु मानते हैं। सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी हैं। गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को ननकाना साहिब में हुआ था। गुरू नानक देव जी का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम मेहता कालू जी था और माता का नाम तृप्ता देवी। गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन काल कई यात्राएं की और जगह – जगह जाकर सिख धर्म की महानता का प्रचार किया।

समाज में फैले मतभेद और कुरीतियों को उन्होंने अपने चमत्कारों और ज्ञान से ख़त्म किया। श्री गुरु नानक देव जी ने ही लंगर प्रथा शुरू की थी जो आज भी गुरुद्वारों में निरंतर चल रही है। दुनिया छोड़ने से पहले गुरु नानक देव जी ने गुरु अंगद देव जी को अपना उत्तराधिकारी बनाया। श्री गुरु नानक देव जी ने ही पवित्र शब्द वाहेगुरु  की रचना की थी और कहा था जो वाहेगुरु नाम का जप करेगा वो भवसागर से पार हो जायेगा।

1930: तुर्की में यूरोपीय मॉडल को अपनाते हुए आधुनिकीकरण की हवा चली। उद्योगों के विकास के बीच राजधानी अंगोरा को अंकारा और प्रमुख शहर कॉन्सटैंटिनोपल को इस्तांबुल नाम दिया गया।

1965: मार्टिन लूथर किंग ने अश्वेत अमेरिकियों के लिए समान अधिकारों की मांग करते हुए और उनकी समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अलाबामा की राजधानी मॉंटगुमरी में विशाल मार्च निकाला।

1979:अमेरिका के पेन्नसिलवेनिया के थ्री माइल आइलैंड परमाणु संयंत्र से रेडियोधर्मी विकिरण हुआ। समय रहते उचित कदम उठाने से बड़ा हादसा टला।

2000: वेस्टइंडीज के कोर्टनी वाल्श ने टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का कपिल देव का रिकार्ड तोड़ा।

2005: इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में शक्तिशाली भूकम्प से भारी तबाही।

2006: अमेरिका ने पाकिस्तान के पेशावर में स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद किया।

2007: अमेरिका में सीनेट ने इराक से सेना वापसी को मंजूरी प्रदान की।

2011: देश में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। ताजा गणना के बाद वर्ष 2006 में 1411 के मुकाबले 1706 हो गई।

2015: साइना नेहवाल दुनिया की नंबर एक महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं।

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