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देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, पढ़ें

इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता। इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।

By RNI Hindi Desk 
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इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता। इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। हर गुजरता दिन इतिहास में कुछ घटनाओं को जोड़कर जाता है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 29 अप्रैल 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।

महान देशभक्त और कुशल नेता सुभाष चंद्र बोस अंग्रेजों  के लिए सबसे खतरनाक व्यक्ति थे। ब्रिटिश सरकार सुभाष बोस को हथकड़ियां पहनाने के बहाने खोजती थी। वह किसी भी कीमत पर उन्हें आजाद नहीं छोड़ना चाहती थी। उनकी गतिविधियों ने ना सिर्फ अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए बल्कि उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपनी एक अलग फौज भी ख़डी की थी जिसे नाम दिया आजाद हिन्द फौज।

सुभाष चन्द्र ने सशस्त्र क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को आजाद हिन्द सरकार की स्थापना की तथा ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन किया। भारतीयों की भावी पीढ़ियां, जो आप लोगों के महान बलिदान के फलस्वरूप गुलामों के रूप में नहीं, बल्कि आजाद लोगों के रूप में जन्म लेंगी। आप लोगों के नाम को दुआएं देंगी. और गर्व के साथ संसार में घोषणा करेंगी कि अंतिम सफलता और गौरव के मार्ग को प्रसस्त करने वाले आप ही लोग उनके पूर्वज थे।

दिल्ली में लाल किले की नींव 29 अप्रैल 1639 में आज ही के दिन रखी गयी थी। आपको इस बात की हैरानी होगी कि किले को बनने में 10 साल का समय लगा था, मतलब पूरा एक दशक के बाद इस किले का निर्माण पूरा हुआ था। शाहजहाँ के समय के अग्रणी वास्तुकार उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने 1638 में इसका निर्माण शुरू किया था और अंत में इसे वर्ष 1648 में पूरा किया था। समय लगने का कारण वाजिब है, क्योंकि उस दौरान मशीनें होती नहीं थी और सामान भी सीमित होता था, लेकिन जिस खूबसूरती और मजबूती के साथ लाल किले को तैयार किया गया है उसका परिणाम आपके सामने है।

29 अप्रैल को जन्मे व्यक्ति सुप्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा का 29 अप्रैल 1848 में आज ही दिन जन्म हुआ था। कहते हैं कि मरने का मजा तब ही है, जब हमारे मरने के बाद लोग कहें कि यार अगर वो इंसान न होता तो हमारे पास ये न होता है।

दरअसल, हम इंसानों के मरने के बाद हमारा काम ही होता है, जो हमें लोगों के दिलों में जिंदा रखता है। उदाहरण के लिए 29 अप्रैल 1848 में जन्में राजा रवि वर्मा को ही ले लीजिए। वो न कोई राजा थे,  ना ही उनके पास इतनी धन संपदा की वो लोगों के बीच में बांट सकें। लेकिन वो अपने जिंदा रहते कुछ ऐसा कर गए कि टीवी और इंटरनेट वाले जमाने में भी लोग उन्हें याद करते हैं। चित्रकारी में उन्होंने अपने समय में ऐसे प्रयोग किए कि हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गए। 29 अप्रॅल के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस ।

1661 : चीन के मिंग वंश ने ताइवान पर कब्जा किया।

1639 : दिल्ली में लाल किले की नींव रखी गयी।

1813 : अमेरिका में जेएफ हम्मेल ने रबर का पेटेंट कराया।

1848 : सुप्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा का जन्म।

1903 : महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसवाल हाईकोर्ट में लीगल प्रेक्टिस शुरू की और वहां ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की स्थापना की ।

1920 : महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजम का निधन।

1930 : ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेलीफोन सेवा की शुरूआत।

1939 : नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया।

1978 : अफगानिस्तान के विद्रोही गुट ने सत्ता हासिल की। काबुल रेडियो पर घोषणा की गई कि उपराष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वायुसेना अध्यक्ष लड़ाई में मारे गये हैं।

1991 : बांग्लादेश के चटगांव में आए चक्रवाती तूफान में एक लाख 38 हजार लोग मारे गए और दस लाख लोग बेघर हो गए।

1993 : पहली बार बकिंघम पैलेस को आम जनता के लिए खोला गया और जिसे देखने के लिए आठ पाउंड का टिकट लगा।

2005 : सीरिया ने लेबनान से अपनी सेना को वापस बुलाया।

2011 : लंदन के ऐतिहासिक चर्च वेस्टमिंस्टर एबे में ब्रिटिश राजकुमार विलियम और केट मिड्लटन का विवाह हुआ।

2020 : हिंदी सिने जगत के प्रतिभावान अभिनेता इरफान खान का कैंसर से निधन।

2020 : कोविड-19 के संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या एक हजार का आंकड़ा पार कर गई।

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