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किसानों के लिए ख़ुशख़बरी, पीएम मोदी ने किया ऐलान, पढ़ें

मोदी सरकार ने धान में 100 रुपये के साथ खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य  में 523 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। 8 जून को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति  ने 2022-23 मार्केटिंग सीजन के लिए सभी खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।

By RNI Hindi Desk 
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क्या होता है MSP?

MSP- न्यूनतम समर्थन मूल्य वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार, किसानों से फसल खरीदती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि सरकार, किसान से खरीदी जाने वाली फसल पर उसे जो पैसे चुकाती है वही MSP होता है। इससे नीचे किसानों को उनकी फसलों के लिए भुगतान नहीं किया जाता है

कौन तय करता है MSP?

फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य CACP यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग तय करता है। CACP तकरीबन सभी फसलों के लिए दाम तय करता है। हालांकि, गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है। आयोग समय के साथ खेती की लागत के आधार पर फसलों की कम से कम कीमत तय करके अपने सुझाव सरकार के पास भेजता है। सरकार इन सुझाव पर स्टडी करने के बाद एमएसपी की घोषणा करती है

पीएम मोदी ने किसानों को दिया तोहफा

पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश के किसानों को एक बार फिर खुशी दी है। पीएम मोदी किसानों के लिए कई योजनाओं का शिलान्यास किया है इस बार भी पीएम मोदी ने किसानों को राहत दी है। वही, मोदी सरकार ने धान में 100 रुपये के साथ खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य  में 523 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। 8 जून को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति  ने 2022-23 मार्केटिंग सीजन के लिए सभी खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।

खरीफ की फसलों में कौन-कौन सी फसलें आती हैं?

धान, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।

मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान

मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई है। मोदी सरकार से इस बात पर विशेष तौर पर ध्यान रखा है कि किसानों ने उनकी लागत का कम से कम 50 प्रतिशत लाभ जरूर मिले। धान की सामान्य किस्म के धान का एमएसपी पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से की बातचीत

मीडिया को जानकारी देते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने ‘बीज से बाजार तक’ से लेकर अन्य कई पहल की हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिली है।उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों की बुवाई से पहले एमएसपी वृद्धि की घोषणा से किसानों को आगे मिलने वाली कीमत के बारे में संकेत मिलेगा और उन्हें यह तय करने में मदद मिलेगी कि कौन सी फसल उगानी है। सीसीईए के निर्णय के अनुसार, 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को 92-523 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बढ़ाया गया है। तिल में अधिकतम 523 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि सबसे कम 92 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी मक्का के मामले में की गई है।

पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया: मंत्री अनुराग ठाकुर

फसल वर्ष 2022-23 के लिए धान और बाजरा के एमएसपी में 100 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि अरहर, उड़द और मूंगफली के एमएसपी में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।धान की सामान्य किस्म का एमएसपी फसल वर्ष 2022-23 के लिए पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। धान की ‘ए’ ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। धान खरीफ की प्रमुख फसल है, जिसकी बुवाई शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के लिए सामान्य मानसून रहने का अनुमान जताया है। वाणिज्यिक फसलों में, कपास का एमएसपी, मध्यम स्टेपल किस्म के लिए पिछले साल के 5,726 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,080 रुपये कर दिया गया है, जबकि कपास की लंबी स्टेपल किस्म के लिए एमएसपी को 6,025 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,380 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले आठ वर्षों के दौरान शुरू किए गए कई कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला। वर्ष 2022-23 के लिए सभी 14 फसलों का एमएसपी 2014-15 की तुलना में 46-131 प्रतिशत अधिक है। उदाहरण के लिए, धान का एमएसपी 50 प्रतिशत बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो 2014-15 में 1,360 रुपये प्रति क्विंटल था।

धान की सामान्य किस्म का एमएसपी फसल वर्ष 2022-23 के लिए पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। धान की ए ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

कैबिनेट की बैठक में मंजूरी

इसके साथ ही कैबिनेट ने स्वास्थ्य क्षेत्र के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी। कैबिनेट ने ऑस्ट्रेलिया-भारत जल सुरक्षा पहल के लिए तकनीकी सहयोग के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी। कैबिनेट ने एस.एन.बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज और लाइबनिज-इंस्टीट्यूट फर फेस्टकोर्पर- और वेर्कस्टोफफोर्सचुंग ड्रेसडेन ई.वी. के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी।

 

पीएम मोदी ने कही ये बात

पीएम मोदी ने कहा कि देश सेवा में समर्पित अपने किसान भाई-बहनों के हित में आज सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है। कैबिनेट का यह निर्णय देश के करोड़ों किसानों को सशक्त करने वाला है।

एमएसपी का फायदा

एमएसपी तय करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर बाजार में फसल का दाम गिरता है, तब भी यह तसल्ली रहती है कि सरकार को वह फसल बेचने पर एक तय कीमत तो जरूर मिलेगी।

धान गेहूं की ज्यादा पैदावार कहां होती है है क्या

विश्व में कुल कृष्य भूमि के लगभग छठे भाग पर गेहूँ की खेती की जाती है लेकिन एशिया में मुख्य रूप से धान की खेती की जाती है, तो भी गेहूँ विश्व के सभी प्रायद्वीपों में उगाया जाता है। भारत में धान की खेती को पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मुख्य रूप से किया जाता है। इसके अलावा झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहा धान की खेती को 71 प्रतिशत भूमि भाग पर उगाया जाता है । राज्य की अधिकतर आबादी का प्रमुख स्रोत चावल ही है | इसके बावजूद विकसित राज्यों की तुलना में यहाँ धान का उत्पादन बहुत कम है ।

किसान आंदोलन क्यों हुआ था

राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल से आंदोलनरत पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद भी आंदोलन कर रहे हैं। इसकका कारण ये है कि किसान संगठनों का कहना है कि सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगे पूरी करें। किसानों ने कहा है कि केंद्र से काथ इस संबंध में बातचीत होने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा।

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