पूर्वी लद्दाख के गलवां घाटी में चीनी सेना से जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने तीनों सेनाओं को घातक हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए 500 करोड़ रुपये के आपात फंड को मंजूरी दी है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन ने अपने सैनिकों की तादाद बढ़ा दी है। इसे देखते हुए सरकार ने तीनों सेनाओं को उनकी जरूरत के अनुसार हथियार और गोला-बारूद खरीदने की इजाजत दी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया सरकार ने तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को खतरनाक अस्त्र शस्त्रों की तात्कालिक और आपात खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियां दी हैं।
गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सौनिकों के बीच हुई झड़प के बाद सरकार ने यह मंजूरी दी है। सरकार ने सेनाओं को यह अधिकार पहली बार नहीं दिए हैं। इससे पहले उड़ी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट हवाई हमलों के बाद भी सशस्त्र बलों को इसी तरह की वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई थीं।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय वायु सेना ने सरकार की ओर से दी गई ऐसी रकम का सर्वाधिक फायदा उठाया था। वायुसेना ने तब भी बड़ी संख्या में घातक हथियार खरीदे थे। इन हथियारों में हवा से जमीन पर मार करने वाली और हवा से हवा में मार करने वाली स्टैंड ऑफ स्पाइस-2000 और स्ट्रम अटाका मिसाइलें शामिल हैं। वहीं सेना ने इस्रायल की स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें भी खरीदी है।