राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गोवा की आजादी (Goa Freedom) का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि गोवा मुक्ति को 60 साल हुए। लेकिन यदि पंडित नेहरू (Jawaharlal nehru) ने सरदार पटेल जैसी रणनीति बनाई होती तो गोवा के लोगों को हिंदुस्तान की आजादी के बाद भी 15 साल अधिक समय तक गुलामी नहीं झेलनी पड़ती।
रिपोर्ट:पायल जोशी
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गोवा की आजादी (Goa Freedom) का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि गोवा मुक्ति को 60 साल हुए। लेकिन यदि पंडित नेहरू (Jawaharlal nehru) ने सरदार पटेल जैसी रणनीति बनाई होती तो गोवा के लोगों को हिंदुस्तान की आजादी के बाद भी 15 साल अधिक समय तक गुलामी नहीं झेलनी पड़ती।
मोदी ने ये आरोप ऐसे ही नहीं लगाए। उन्होंने 1955 के अखबारों में छपी खबरों का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि तब नेहरू जी को गोवा के लोगों की आजादी से ज्यादा चिंता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि की चिंता थी। जिसके चलते पंडित नेहरू को लगता था कि गोवा की औपनिवेशिक सरकार पर आक्रमण कर उनकी छवि खराब होगी।
मोदी ने गोवा को लेकर नेहरू जी के 15 अगस्त 1955 को लाल किले से दिए गए भाषण को कोट किया। इस भाषण में नेहरू जी ने कहा था- ‘कोई धोखे में न रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे। कोई फोर्स गोवा के पास नहीं है। अंदर के लोग चाहते हैं कि कोई शोर मचाकर ऐसे हालात पैदा करे कि हम मजबूर हो जाएं फौज भेजने के लिए। जो लोग वहां आगे जा रहे हैं, (लोहिया जी समेत…) उन्हें वहां जाना मुबारक हो। लेकिन ये भी याद रखें जो अपने को सत्याग्रही कहते हैं तो सत्याग्रह के सिद्धांत याद रखें। सत्याग्रही के पीछे खोजें नहीं चलतीं। मोदी ने कहा- देश की आजादी के लिए लड़ने वालों के लिए क्या अंहकार था। गोवा की जनता कांग्रेस के इस रवैये को कभी भूल नहीं सकती। मोदी ने कहा- सत्याग्रहियों की मदद से इंकार करना गोवा के साथ कांग्रेस का जुल्म था।
मोदी ने कहा- कांग्रेस आज अभिव्यक्ति की आजादी की बात करती है। लेकिन उनके समय यह कैसी दी, इसका उदाहरण देता हूं। मोदी ने बताया कि लता मंगेशकर जी के निधन से आज पूरा देश दुखी है। उनका परिवार गोवा का है। लेकिन उनके परिवार के साथ कैसा सलूक किया ये भी देश को जानना चाहिए। लता जी के छोटे भाई पंडित हृदय नाथ मंगेशकर जी को ऑल इंडिया रेडियो में काम करते थे। लेकिन उन्हें रेडियो से निकाल दिया गया था। उनका गुनाह सिफ ये था कि उन्होंने वीर सावरकर की एक देशभक्ति से भरी कविता की ऑल इंडिया रेडियो पर प्रस्तुति दी थी। हृदयनाथ जी ने एक इंटरव्यू में यह बताया था। उन्हें कविता गाने पर 8 दिन के अंदर रेडियो से निकाल दिया गया था। मोदी ने पूछा- ये आपका फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन था।