अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद तालिबान ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि वे पहले वाले तालिबान नहीं रहें। महिलाओं को समान हक दिया जायेगा और उन्हें काम करने दिया जायेगा। हालांकि इस बयान के 24 घंटे बाद ही तालिबान ने महिला न्यूज एंकरों पर बैन लगा दिया है।
नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद तालिबान ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि वे पहले वाले तालिबान नहीं रहें। महिलाओं को समान हक दिया जायेगा और उन्हें काम करने दिया जायेगा। हालांकि इस बयान के 24 घंटे बाद ही तालिबान ने महिला न्यूज एंकरों पर बैन लगा दिया है। आपको बता दें कि सरकारी न्यूज चैनल की महिला न्यूज एंकर को तालिबान ने नौकरी से हटा दिया है, जिनके स्थान पर तालिबानी एंकर टीवी पर न्यूज पढ़ेंगे।
बता दें कि खदीजा अमीना नाम की एक महिला सरकारी न्यूज चैनल में एंकर थी, उनको भी हटा दिया गया है। एक दिन पहले ही तालिबान ने कहा था कि महिलाओं के हितों की रक्षा होगी। अब तालिबान कह रहा है कि सिर्फ शरीयत कानून के तहत ही महिलाओं को काम करने की इजाजत है।
नौकरी से हटाए जाने के बाद अफगान न्यूज एंकर खदीजा अमीना ने कहा, ‘मैं क्या करुंगी, अगली पीढ़ी के पास कुछ काम नहीं होगा। 20 साल में जो कुछ भी हासिल किया, सब चला जाएगा। तालिबान तालिबान है, वो नहीं बदले हैं।’
“महिलाओं के साथ नहीं होगा भेदभाव”
बता दें कि एक दिन पहले ही तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि अब अफगानिस्तान को मुक्त करा लिया गया है। पिछली सरकार में महिलाओं पर कई कड़ी पाबंदियां लगाई गई थी। वहीं उनके शासनकाल में महिलाओं के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा। मुजाहिद के अनुसार महिलाओं को इस्लामी कानून के मानदंडों के तहत अधिकार दिए जाएंगे। महिलाओं को स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम करने की आजादी रहेगी।
गौरतलब है कि 20 साल पहले तालिबान के शासन के समय अफगानिस्तान में महिलाओं को घर की चार दीवारों के अंदर ही सीमित कर दिया गया था। तब भी महिलाओं के जीवन और अधिकारों पर कई कड़ी पाबंदियां लगाई गई थी। अब एक बार फिर सत्ता में तालिबान की वापसी हो गई है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या अफगानी महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की बनी हुई है।