बिहार में सभी 243 विधानसभा सीटों के नतीजे घोषित हो गए हैं। मुकाबला दिन भर चलता रहा और काफी नजदीकी फाइट लोगों को देखने को मिली ! देर रात तक वोट गिने गए और आख़िरकार बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए पर भरोसा दिखाया है। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार 243 में से 125 सीटों पर विजयी रहे हैं।
इससे अब ये साफ़ हो गया है कि एक बार फिर नितीश कुमार की प्रदेश के अगले सीएम होंगे। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को बहुमत मिलने के बाद बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का साथ छोड़कर राजद नेता तेजस्वी यादव को आशीर्वाद देना चाहिए।
उन्होंने नीतीश से यह भी कहा कि वह समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकजुट करने में मदद करें क्योंकि ऐसा करना ही महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुझे इस बात का दुख है भारत की आज़ादी के बाद के राजनैतिक इतिहास में राजनेताओं की अपनी महत्वकांक्षाओं के कारण विचारधारा गौण हो जाती रही है। कॉंग्रेस ही एक मात्र दल है जिसने संघ की विचारधारा के साथ ना कभी समझौता किया और ना ही जनसंघ/भाजपा के साथ मिल कर कभी सरकार बनाई।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 11, 2020
दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा आज देश में एक मात्र नेता राहुल गॉंधी हैं जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। NDA के सहयोगी दलों को समझना चाहिए राजनीति विचारधारा की होती है। जो भी व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षा के कारण विचारधारा को छोड़कर अपने स्वार्थ के लिए समझौता करता है वह अधिक समय तक राजनीति में ज़िंदा नहीं रहता।
आज देश में एक मात्र नेता राहुल गॉंधी हैं जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। NDA के सहयोगी दलों को समझना चाहिए राजनीति विचारधारा की होती है। जो भी व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षा के कारण विचारधारा को छोड़कर अपने स्वार्थ के लिए समझौता करता है वह अधिक समय तक राजनीति में ज़िंदा नहीं रहता।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 11, 2020
उन्होंने आगे लिखा मैं संघ की विचारधारा का घोर विरोधी हूँ क्योंकि वह भारत की सनातनी परंपराओं व सनातन धर्म की मूल भावना के विपरीत है।यह देश सबका है।
लेकिन फिर भी मैं उनकी इस बात की प्रशंसा भी करता हूँ कि वे अपने लक्ष्य और अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करते। केवल समाज को बॉंट कर राजनीति करते हैं।
मैं संघ की विचारधारा का घोर विरोधी हूँ क्योंकि वह भारत की सनातनी परंपराओं व सनातन धर्म की मूल भावना के विपरीत है।यह देश सबका है।
लेकिन फिर भी मैं उनकी इस बात की प्रशंसा भी करता हूँ कि वे अपने लक्ष्य और अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करते। केवल समाज को बॉंट कर राजनीति करते हैं।— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 11, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा भाजपा/संघ अमरबेल के समान हैं, जिस पेड़ पर लिपट जाती है वह पेड़ सूख जाता है और वह पनप जाती है।
नितीश जी, लालू जी ने आपके साथ संघर्ष किया है आंदोलनों मे जेल गए है भाजपा/संघ की विचारधारा को छोड़ कर तेजस्वी को आशीर्वाद दे दीजिए। इस “अमरबेल” रूपी भाजपा/संघ को बिहार में मत पनपाओ।
भाजपा/संघ अमरबेल के समान हैं, जिस पेड़ पर लिपट जाती है वह पेड़ सूख जाता है और वह पनप जाती है।
नितीश जी, लालू जी ने आपके साथ संघर्ष किया है आंदोलनों मे जेल गए है भाजपा/संघ की विचारधारा को छोड़ कर तेजस्वी को आशीर्वाद दे दीजिए। इस “अमरबेल” रूपी भाजपा/संघ को बिहार में मत पनपाओ।— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 11, 2020
उन्होंने लिखा नितीश जी, बिहार आपके लिए छोटा हो गया है, आप भारत की राजनीति में आ जाएँ। सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकमत करने में मदद करते हुए संघ की अंग्रेजों के द्वारा पनपाई “फूट डालो और राज करो” की नीति ना पनपने दें। विचार ज़रूर करें।
नितीश जी, बिहार आपके लिए छोटा हो गया है, आप भारत की राजनीति में आ जाएँ। सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकमत करने में मदद करते हुए संघ की अंग्रेजों के द्वारा पनपाई “फूट डालो और राज करो” की नीति ना पनपने दें। विचार ज़रूर करें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 11, 2020
सिंह ने लिखा यही महात्मा गॉंधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी। आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए। आपको याद दिलाना चाहूँगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी। भाजपा/संघ को छोड़िए। देश को बर्बादी से बचाइए।
यही महात्मा गॉंधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी। आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए। आपको याद दिलाना चाहूँगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी। भाजपा/संघ को छोड़िए। देश को बर्बादी से बचाइए।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 11, 2020
बता दें कि एनडीए में शामिल बीजेपी ने इस चुनाव में जेडीयू से ज्यादा सीटें जीती हैं। बीजेपी ने 74 सीटों पर जबकि जेडीयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं एनडीएम में शामिल बाकी दलों विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने 4 सीटों पर और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) ने भी 4 सीटों पर जीत दर्ज की है।
विपक्षी महागठबंधन में शामिल आरजेडी ने 75 सीटों पर जीत दर्ज की है। वह इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने 19 सीटों पर, भाकपा माले ने 12 सीटों पर, भाकपा और माकपा ने दो-दो सीटों पर जीत दर्ज की है। इस बार एनडीएस से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी एक सीट जीती है।