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CDS बिपिन रावत की हुई मौत, बुधवार दोपहर हादसे का शिकार हुआ था हेलिकॉप्टर…

हेलिकॉप्टर में सिर्फ सीडीएस बिपिन रावत ही नहीं मोजूद थे, बल्कि उनकी पत्नी भी मौजूद थीं. इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोगों की मौत की पुष्टी कर दी गई है।

By: RNI Hindi Desk 
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CDS बिपिन रावत की हुई मौत, बुधवार दोपहर हादसे का शिकार हुआ था हेलिकॉप्टर…

कोयंबटूर: कुन्नूर में सेना का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हेलीकॉप्टर मे सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के साथ उनका स्टाफ और उनकी पत्नी सफर जिनकी अब मौत की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक एमआई सीरीज के हेलीकॉप्टर में सवार होकर सभी तमिलनाडु के कोयंबटूर और सेलूर के बीच से गुजर रहे थे। तभी इनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सीडीएस बिपिन रावत समेत घायल चार लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें बचाया नही जा सका।


शुरुआती जानकारी के मुताबिक, खराब मौसम की वजह से ये हादसा हुआ है। हादसे के फौरन बाद ही घायल लोगों को पास में ही मौजूद सेना के वेलिंग्टन बेस में इलाज के लिए ले जाया गया था।

हेलिकॉप्टर नीलगिरी के इलाके में क्रैश हुआ

बताया जा रहा है कि कार्यक्रम से लौटते वक्त हेलिकॉप्टर नीलगिरी के इलाके में क्रैश कर गया।  हेलिकॉप्टर में सीडीएस और उनकी पत्नी के साथ ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी भी थे जो सीडीएस के स्टाफ ऑफिसर थे।

स्थानीय लोगों ने राहत-बचाव शुरू किया

हादसे के बाद हेलिकॉप्टर से आग की लपटें उठने लगी और घटनास्थल पर सबसे पहले स्थानीय लोग पहुंचे। स्थानीय लोगों ने राहत और बचाव का काम शुरू किया था। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर एयरफोर्स पहुंचने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि सीडीएस रावत के अलावा हेलिकॉप्टर में उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, गुरसेवक सिंह, जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, बी साई तेजा और हवलदार सतपाल सवार थे।

आपको बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत के करियर का लंबा वक्त भारतीय सेना की सेवा में गुजरा है, वो ऊंचाई पर जंग लड़ने के एक्सपर्ट रहे हैं. आइए जानते हैं उनकी  खूबियां…

  • बिपिन रावत को आर्मी में ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन (Counterinsurgency) यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता है.
  • साल 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के नेतृत्‍व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्‍तान में बसे आतंकी शिविरों को ध्‍वस्‍त करने के लिए सर्जिकल स्‍ट्राइक की गई थी. जिसको बिपिन रावत ने ट्रेंड पैरा कमांडों के माध्यम से अंजाम दिया था.
  • उरी में सेना के कैंप और पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले में कई जवान शहीद होने के बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
  • आर्मी सर्विस के दौरान उन्होंने एलओसी, चीन बॉर्डर और नॉर्थ-ईस्ट में एक लंबा वक्त गुजारा है.
  • बिपिन रावत ने कश्मीर घाटी में पहले नेशनल राइफल्स में ब्रिगिडेयर और बाद में मेजर-जनरल के तौर पर इंफेंट्री डिवीजन की कमान संभाली.
  • साउथ कमांड की कमान संभालते हुए उन्होंने पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर मैकेनाइजड-वॉरफेयर के साथ-साथ एयरफोर्स और नेवी के साथ बेहतर तालमेल बैठाया.
  • चाइनीज बॉर्डर पर बिपिन रावत कर्नल के तौर पर इंफेंट्री बटालियन की कमान भी संभाल चुके हैं.
  • बिपिन रावत को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में ‘स्वर्ड ऑफ ऑनर’ से नवाजा जा चुका है.
  • रावत चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के साथ-साथ भारतीय सेना के 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.

बता दें कि बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था. बिपिन रावत ने 1978 में आर्मी ज्वॉइन की थी। बिपिन रावत ने 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से मिलिट्री मीडिया स्टडीज में पीएचडी की डिग्री हासिल की।

आर्मी चीफ से CDS बनने तक यूं तय किया सफर

बिपिन रावत ने 01 सितंबर 2016 को आर्मी के वाइस चीफ का पद संभाला और 31 दिसंबर 2016 को इंडियन आर्मी के 26वें चीफ की जिम्मेदारी मिली. वहीं, 30 दिसंबर 2019 को उन्हें भारत के पहले सीडीएस (CDS) के रूप में नियुक्त किया गया। बिपिन रावत ने 01 जनवरी 2020 को CDS का पदभार ग्रहण किया।

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