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सेबी ने आईपीओ के लिए नियमों को सख्त करने का दिया प्रस्ताव, किया यह बड़ा ऐलान

SEBI proposes to tighten the rules for IPO, made this big announcement; सेबी ने एंकर निवेशकों के लिए लंबे समय तक लॉक-इन करने का सुझाव दिया है। लिस्टिंग के बाद त्वरित निकासी को रोका जा सके।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्ली :  बाजार नियामक सेबी ने आईपीओ के नियमों में बड़ा फेर बदल किया है। सेबी ने एंकर निवेशकों के लिए लंबे समय तक लॉक-इन करने का सुझाव दिया है ताकि लिस्टिंग के बाद त्वरित निकासी को रोका जा सके। सेबी ने कहा कि एंकर निवेशकों को आवंटित शेयरों की संख्या में से कम से कम 50 फीसदी शेयर 30 दिनों से ऊपर 90 दिनों या उससे अधिक का लॉक-इन होना चाहिए।

बाजार नियामक ने प्रस्ताव दिया कि कंपनियां कैसे आईपीओ से आई नकदी खर्च कर सकती हैं और बड़े निवेशक कितनी जल्दी बाहर निकल सकते हैं। सेबी का मकसद इस प्रस्‍ताव के जरिए छोटे यानि रिटेल निवेशकों का हित सुरक्षित करना है।

सेबी ने अधिग्रहण और अनिर्दिष्ट रणनीतिक निवेश के लिए अधिकतम 35% आय को सीमित करने का प्रस्ताव रखा है। नियामक ने प्रस्ताव दिया है कि बाजार से पैसा जुटाने का लक्ष्य रखने वाली कंपनी को केवल एक उद्देश्य के रूप में ‘भविष्य में अधिग्रहण के लिए’ बताने के बजाय फंड उगाहने के बारे में अधिक स्पष्ट रूप से बताना चाहिए। इस प्रस्ताव के जरिए सेबी दरअसल, इनऑर्गेनिक ग्रोथ की फंडिंग के लिए कंपनियों द्वारा आईपीओ के माध्यम से जुटाई जा सकने वाली राशि को सीमित करना चाहता है।

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इस मामले पर एक कंसल्टेशन पेपर जारी कर लोगों से राय मांगी है। खासकर, नियमों में प्रस्तावित परिवर्तन एक आईपीओ के उद्देश्य से संबंधित हैं, जहां फंड रेजिंग का उद्देश्य विशिष्ट लक्ष्यों की पहचान किए बिना भविष्य के अधिग्रहण/रणनीतिक निवेश करना है। महत्वपूर्ण शेयरधारकों द्वारा बिक्री के लिए शर्तें ऑफर फॉर सेल (OFS), एंकर निवेशकों को आवंटित शेयरों की लॉक-इन और जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए जुटाई गई धनराशि की निगरानी है।

 

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