Decision not to close the doors for cryptocurrency in India, it can be recognized in this form; भारत सरकार ने Crypto पर अलग रवैया अपनाने का फैसला किया है। क्रिप्टो करेंसी के लिए दरवाजे बंद नहीं करने का फैसला।
नई दिल्ली : दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी की दीवानगी सर चढ़ कर बोल कर रहा है और अब ये दीवानगी का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। इसके निवेशकों की संख्या दिन-रात बढ़ रही है। इस बीच भारत सरकार ने भी क्रिप्टो करेंसी के लिए दरवाजे बंद नहीं करने का फैसला किया है।
भारत सरकार ने Crypto पर अलग रवैया अपनाने का फैसला किया है। भारत में क्रिप्टो करेंसी को मुद्रा के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर किसी के पास बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी है तो वह उससे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते हैं, लेकिन उसे करेंसी की तरह पेमेंट करने में उपयोग नहीं कर सकते।
वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिएक्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई जा रही हैं। बता दें कि दास ने एक सप्ताह में दूसरी बार क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताई है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की वर्चुअल मुद्राओं से देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं। दास का यह बयान क्रिप्टोकरेंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के चंद दिनों बाद आया है। उस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों को लेकर गहरी चिंता जताई गई थी।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है। दास ने कहा कि आंतरिक विमर्श के बाद आरबीआई की यह राय है कि वृहत आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं हैं और इनके बारे में गहन चर्चा करने की जरूरत है। दास ने चलन में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी की मात्रा पर संदेह जताते हुए कहा कि निवेशकों को इसके जरिए लुभाने की कोशिश की जा रही है। क्रिप्टो खाते खोलने के लिए कर्ज भी दिए जा रहे हैं।
दास ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक का मकसद बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में हस्तक्षेप करने का नहीं है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों के कारोबारी मॉडल और रणनीतियों पर नजदीकी निगरानी शुरू की है।
बता दें कि सोमवार को संसद की स्थायी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी के तमाम पहलुओं को लेकर हितधारकों के साथ चर्चा की, जिसमें कई सदस्यों ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय इसके नियमन की जरूरत बताई। ऐसी चर्चा है कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक ला सकती है।