सरकार अगर एयर इंडिया को नहीं बेचती है, तो फिर भविष्य में इसको चलाना मुश्किल हो जाएगा। केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि एयर इंडिया सरकार के लिए प्रथम श्रेणी की संपत्ती है। जब इसे अभी बेचने निकलेंगे तो फिर बोली लगाने वाली कंपनियां भी सामने आएंगी। हालांकि इसी बीच बुधवार को कंपनी ने नैरोबी के लिए लंबे समय बाद अपनी उड़ान सेवा को शुरू कर दिया है।
पुरी ने कहा कि एयर इंडिया इस वक्त प्रथम श्रेणी की संपत्ती है। अगर ये सिद्धांत बना लें कि एयरलाइन को बेचेंगे नहीं, तो भविष्य में इसका संचालन मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि, एयर इंडिया के घाटे की भरपाई के लिए पहले हम वित्त मंत्रालय के पास चले जाते थे।
अब मंत्रालय से रकम नहीं मिल रही, इसलिए बैंकों के पास जाना पड़ेगा। एयर इंडिया के कर्मचारियों के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इस बाक के लिए प्रतिबद्ध हैं कि एयरलाइन के 11 हजार पूर्णकालिक और 4 हजार संविदा कर्मचारियों के साथ न्याय हो। जो भी एयरलाइन को खरीदेगा उसे प्रशिक्षित कर्मचारियों की जरूरत भी पड़ेगी।
सरकार ने पिछले साल भी एयरलाइन को बेचने की कोशिश की थी, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। इसकी वजह ये मानी गई कि बिडिंग के लिए कड़ी शर्तें रखी गईं, इसलिए बताया जा रहा है कि सरकार इस बार बोली प्रक्रिया को आसान रखेगी।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट की माने तो एयर इंडिया पर 78 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें से खरीदार को सिर्फ 30 हजार करोड़ रुपए की जिम्मेदारी देने की योजना पर विचार किया जा रहा है। सरकार 15 दिसंबर को निवेशकों से बोलियां मांगने का प्रस्ताव जारी कर सकती है।