पाकिस्तान चारों ओर से संकट से घिर रहा है। कंगाल पाकिस्तान पर अब महंगाई की जबरदस्त मार पड़ रही है। आलम ये है कि पाकिस्तान मे महंगाई ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। महंगाई की दर मई महीने में बढ़कर 38 फीसदी से पार पहुंच गई है, जो पाकिस्तान में आजादी के बाद सबसे ज्यादा है। पाकिस्तान में साल 1957 से महंगाई के आंकड़े रखे जा रहे हैं। पाकिस्तान में पिछले महीने महंगाई की दर 36.4 फीसदी थी।
नई दिल्लीः पाकिस्तान चारों ओर से संकट से घिर रहा है। कंगाल पाकिस्तान पर अब महंगाई की जबरदस्त मार पड़ रही है। आलम ये है कि पाकिस्तान मे महंगाई ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। महंगाई की दर मई महीने में बढ़कर 38 फीसदी से पार पहुंच गई है, जो पाकिस्तान में आजादी के बाद सबसे ज्यादा है। पाकिस्तान में साल 1957 से महंगाई के आंकड़े रखे जा रहे हैं। पाकिस्तान में पिछले महीने महंगाई की दर 36.4 फीसदी थी। बताया जा रहा है कि राशन और खाने पीने की चीजों के दाम बेतहाशा बढ़े हैं जिसकी वजह से महंगाई की दर बढ़ी है। खाद्य सामानों में पिछले साल की तुलना में मई में जिन वस्तुओं की कीमतों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई, उनमें सिगरेट, आलू, गेहूं का आटा, चाय, गेहूं और अंडे और चावल शामिल हैं।
वहीं, गैर-खाद्य श्रेणी में पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी, मोटर ईंधन, कपड़े धोने के साबुन, डिटर्जेंट और माचिस की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। इस बीच पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष यानि आईएमएफ से लोन मिलने का रास्ता भी बंद हो गया है। बता दें कि आईएमएफ ने रुके हुए 6.5 बिलियन अमरीकी डालर के सहायता पैकेज को पाने के लिए राजकोषीय समायोजन का हिस्सा मांगा है। जिसे पूरा करने के लिए सरकार द्वारा जरूरत की चीजों को भी महंगा किया गया। इस साल की शुरुआत से ही पाकिस्तान में हर घर में मुद्रास्फीति की मार पड़ी है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने शहबाज शरीफ के लोन के अनुरोध को भी खारिज कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान के पास एक बार फिर से आईएमएफ से गुहार लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। पाकिस्तान में पिछले साल इसी मई के महीने में महंगाई की दर 13.76 फीसदी थी लेकिन अब यह अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है। पाकिस्तान में शहबाज सरकार नए वित्त मंत्री इशाक डार को इस उम्मीद से लेकर आई थी कि वह महंगाई को रोकने में कामयाब होंगे और आईएमएफ से लोन दिलवाएंगे लेकिन वह पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। जिन्ना के सपनों का पाकिस्तान अब एशिया में सबसे ज्यादा महंगाई से जूझ रहा है।
अब तक श्रीलंका में सबसे ज्यादा महंगाई थी लेकिन इसे पाकिस्तान ने पीछे छोड़ दिया है। पाकिस्तान में जहां महंगाई लगातार बढ़ रही है, वहीं श्रीलंका में अब पिछले 8 महीने से यह तेजी से नीचे आ रही है। मई में श्रीलंका में महंगाई की दर 25.2 फीसदी रही जो अप्रैल महीने में 35.3 प्रतिशत थी। इस बीच आईएमएफ से लोन का रास्ता बंद होने के बाद अब श्रीलंका की तरह से ही पाकिस्तान के डिफॉल्ट होने का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच पाकिस्तान की वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि आईएमएफ पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए अभी तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के पास आईएमएफ प्रोग्राम के अलावा और कोई भी प्लान बी नहीं है। उन्होंने माना कि आईएमएफ उनकी लगतार गुहार के बाद भी लोन देने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। पाकिस्तान को सऊदी अरब और यूएई ने 3 अरब डॉलर देने का वादा किया है लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी अब उनका पैसा नहीं मिला है। इससे पाकिस्तान की मुसीबत बढ़ती जा रही है।