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UP में पहली बार EVM को हटाकर लगेंगी VVPAT मशींने ,संदेह की गुंजाईश खत्म नही होगा फर्जीवाडा

पहली बार ऐसा होगा जब उत्तर प्रदेश में सभी पोलिंग बूथ पर वीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी. चुनावों के नतीजे आने के बाद राजनीतिक दल अक्सर EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट :-अतुल विश्वकर्मा

चुनावों के नतीजे आने के बाद राजनीतिक दल अक्सर EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं। अब इसपर विराम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार वीवीपैट (VVPAT) के इस्तेमाल का फैसला लिया है। पहली बार ऐसा होगा जब उत्तर प्रदेश में सभी पोलिंग बूथ पर वीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी।

जाने क्या है VVPAT मशीन?

आपको बता दें कि वीवीपैट ईवीएम पर वोट डालने के बाद एक पेपर प्रिंट करता है, जिसे खुद वोटर चेक कर सकता है। जिससे उसे किसी भी तरह का संदेह ना रहे। इसके बाद इस निकली हुई पर्ची को बॉक्स में डाल दिया जाता है, जिसका बाद में किसी भी विवाद की स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है।

UP में इस्तेमाल हो रहीं हाईटेक मशीनें

अधिकारियों ने बताया कि थर्ड जेनरेशन M-3 EVM मशीनों का उत्तर प्रदेश के चुनाव में इस्तेमाल किया जाएगा। अगर कोई इसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है तो यह मशीन अपने आप काम करना बंद कर देगी। रविवार को ईवीएम में पेपर डालने का काम पूरा कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 10 फरवरी को 58 विधान सभा सीटों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में मतदान होना है। जिसके नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे।

विधान सभा चुनावों में ईवीएम के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीन का इस्तेमाल करेगा। पहली बार ऐसा होगा जब उत्तर प्रदेश में सभी पोलिंग बूथ पर वीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी। चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि इस कदम के जरिए वोटर इस बात को सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनका वोट उनकी पसंद के उम्मीदवार को ही गया है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार वीवीपैट को सभी चुनावी राज्यों की ईवीएम मशीनों के साथ जोड़ा जाएगा. इस कदम से चुनाव में मतदाताओं का विश्वास ईवीएम पर और बढ़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्पणी

गौरतलब है कि 8 अक्टूबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि चुनाव आयोग वीवीपैट का आगामी चुनावों में इस्तेमाल करे, जिससे कि चुनावों में पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सके। पिछले साल हुए विधान सभा चुनाव में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुड्डुचेरी में वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया था। पश्चिम बंगाल में 1492, तमिलनाडु में 1183, केरल में 728, असम में 647, पुड्डुचेरी में 156 वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया था।

2017 के चुनावों में 30 सीटों पर लगी थीं वीवीपैट

बताते चलें कि 2017 के प्रदेश में हुए विधान सभा चुनाव में परीक्षण के तौर 30 विधान सभा क्षेत्रों के सभी पोलिंग बूथों पर वीवीपैट मशीनें लगायी गई थीं। उसके बाद 2019 के लोक सभा चुनाव की सभी सीटों के पोलिंग बूथों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया था। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बिहार, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से ईवीएम और वीवीपैट मशीनें मंगवाई जा रही हैं।

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