उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों के हक में एक बड़ा फैसला दिया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अर्हता में एक बड़ा बदलाव किया है। जुलाई 2011 में एनसीटीई ने पूर्व स्नातक परीक्षा में 50 फीसदी से कम नंबर लाने वाले बीएड छात्रों को टीईटी में शामिल होने की अनुमति दे दी है।
एनसीटीई की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि, स्नातक परीक्षा में कैंडिडेट के अंक चाहे कुछ भी हों, उसे शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाती है। इस फैसले से अब लाखों छात्र की उम्मीदें जगी है जो परीक्षा में बैठ सकते हैं।
दरअसल एनसीटीई ने 13 नवंबर 2019 के नोटिफिकेशन में 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 के पूर्व आदेशों में संशोधन किया है। एनसीटीई की तरफ से यह बात भी पूरी तरफ साफ कर दी गई है कि यदि किसी स्टूडेंट ने 2011 के बाद बीएड किया है तो स्नातक अथवा परास्नातक परीक्षा में या किसी एक में भी 50 फीसदी या इससे अधिक अंक पाने वाले दोनों तरह के स्टूडेंट भी टीईटी में शामिल हो सकते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व में एनसीटीई की ओर से 29 जुलाई 2011 को नियमों में संशोधन किया गया। जिसमें 50 फीसदी से कम नंबर लाने पाने अभ्यर्थियों को टीईटी में शामिल होने से रोक दिया गया था।