1. हिन्दी समाचार
  2. केंद्र सरकार
  3. चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने शुरू किया काम, मिशन की लाइफ एक चंद्र दिवस

चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने शुरू किया काम, मिशन की लाइफ एक चंद्र दिवस

भारत का चंद्रयान-3 चांद के 70 डिग्री दक्षिण में उतरा है। यह चंद्रमा पर ऐसी जगह में उतरा है जहां छाया रहती है और पानी स्थायी तौर पर रह सकता है। इसलिए खोज की संभावना बहुत अधिक हैं। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के लैंडर और विक्रम को लेकर जानकारी दी है। इसरो के अनुसार लैंडर और रोवर का मिशन की लाइफ एक चंद्र दिवस है। यह धरती के 14 दिन के बराबर है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

नई दिल्लीः भारत के चंद्रयान-3 के सफलतापू्र्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग को लेकर दुनियाभर के अंतरिक्ष वैज्ञानिक उत्साहित हैं। चंद्रयान-3 चांद के 70 डिग्री दक्षिण में उतरा है। यह चंद्रमा पर ऐसी जगह में उतरा है जहां छाया रहती है और पानी स्थायी तौर पर रह सकता है। इसलिए खोज की संभावना बहुत अधिक हैं। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के लैंडर और विक्रम को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया का मिशन है। एस सोमनाथ ने कहा कि हम चंद्रमा की तस्वीरों की स्टडी कर रहे हैं। रोवर प्रज्ञान के चंद्रमा पर भविष्य को लेकर सोमनाथ ने कहा कि हम 14 दिन का इंतजार कर रहे हैं। इसरो चीफ ने कहा कि अभी चांद की सतह पर चीजें और प्रक्रिया काफी जटिल है। उन्होंने कहा कि लैंडर विक्रम और प्रज्ञान में कई उपकरण लगे हुए हैं। इसरो के अनुसार लैंडर और रोवर का मिशन की लाइफ एक चंद्र दिवस है। यह धरती के 14 दिन के बराबर है।

इसरो चेयैरमैन ने कहा कि हम अभी उनके काम करने का इंतजार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा कि हम सब लोग प्लानिंग के अनुसार होने वाली चीजों का इंतजार कर रहे हैं और उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि प्रज्ञान अभी चंद्रमा की सतह पर उतरा है। उसे वहां कई चीजें करनी है। लैंडर विक्रम में 4 पेलोड लगे हैं। पेलोड चांद पर सूरज से आने वाले प्लाज्मा कणों की जांच करेगा। इसरो के अनुसार, चंद्रमा रोवर में लैंडिंग स्थल के आसपास मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप है। ये चांद पर मौजूद केमिकल की जांच करेगा। प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए लैंगमुइर जांच करेगा। इसके साथ ही नासा के एक निष्क्रिय लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे चंद्र चंद्रमा के डायनेमिक्स की जांच करेगा। वहीं, प्रोपल्शन मॉड्यूल में चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय मीट्रिक माप का अध्ययन करने के लिए रहने योग्य ग्रह पृथ्वी  पेलोड का स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री है। लैंडर से अलग होने के बाद बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल के साथ ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...