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नई दिल्ली: रंग ला रही पीएम मोदी व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मेहनत, रेलवे के विकास में अप्रत्याशित उपलब्धि

रेलवे के विकास को लेकर देश ने अप्रत्याशित उपलब्धि हासिल की है। खासकर 2014 के बाद जबसे केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तबसे रेलवे ने प्रगति के नए आयाम छुए हैं। ये सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की सटीक कार्य-योजना का ही परिणाम है। नई रेलवे लाइन पर भी इस सरकार में खूब काम हुआ है, जिसमें 2004-14 के दौरान 14,985 रूट किलोमीटर रेल ट्रैक का काम किया गया।

By RNI Hindi Desk 
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रेलवे के विकास को लेकर देश ने अप्रत्याशित उपलब्धि हासिल की है। खासकर 2014 के बाद जबसे केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तबसे रेलवे ने प्रगति के नए आयाम छुए हैं। ये सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की सटीक कार्य-योजना का ही परिणाम है। नई रेलवे लाइन पर भी इस सरकार में खूब काम हुआ है, जिसमें 2004-14 के दौरान 14,985 रूट किलोमीटर रेल ट्रैक का काम किया गया।

 

जबकि पिछले 9 साल में में 25 हजार किलोमीटर से ज्यादा ट्रैक बिछाने का काम किया गया। जिसके चलते नई रेलवे लाइनों में 75 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं पहले से स्थापित नेटवर्क में पटरियों की क्षमता बढ़ाकर तेज रेलगाड़ियाँ चलाने के लिए अपग्रेड किया गया है। इसके अलावा, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी इस क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। मोदी सरकार की रेलवे के क्षेत्र में सबसे बड़ी उपलब्धि देश में रेलवे का 90 फीसदी से ज्यादा विद्युतीकरण है।

 

आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक 67 वर्षों में मात्र 21 हजार के आसपास रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था। लेकिन आज मात्र 9 वर्षों में ही दोगुने से ज्यादा बढ़कर करीब 60 हजार किलोमीटर से ज्यादा हो चुका है। रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण से जहां रेलवे के डीजल का खर्चा बचा है, वहीं प्रदूषण को भी रोकने में मदद मिली है। इसके अलावा रेलवे ने पुराने ICF डिब्बों को बदल कर LHB कोच ट्रेनों में लगाए हैं। जो यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक हैं।

 

देशवासियों को अच्छी सुविधाएँ देने के लिए रेलवे ने वन्दे भारत जैसी रेलगाड़ियाँ चलाई, जिनकी संख्या लगातार बढाई जा रही है। इससे रेलवे यात्रियों को जहां आवागमन में सहूलियत मिली है वहीं ट्रेनों को समय पर गंतव्य तक पहुंचाने में भी मदद मिली है।

 

अगर 2014 से पहले की रेलवे और इसके बाद की रेलवे की तुलना की जाय तो, इसमें जमीन-आसमान के फर्क नजर आएगा। जहाँ पिछली सरकार द्वारा वर्ष 1988 में चलाई गई शताब्दी रेलगाड़ियाँ 29 वर्षों में मात्र 21 की संख्या में ही चली, वहीं 2019 में चलाई गई वन्दे भारत की संख्या 68 हो चुकी है।

 

“वंदे भारत ट्रेनों का उन्नत संस्करण वर्तमान में भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उन्नत सेफ्टी फीचर, बेहतर सवारी सूचकांक और यात्री सुविधाओं से सुसज्जित है।” रेलवे ने आधारभूत ढांचे के साथ नई लाइनों को बिछाना और लाइनों का दोहरीकरण करना रेलवे की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है।

 

मोदी सरकार में रेलवे का विकास और विस्तार लगातार जारी है। अगर वर्तमान की बात की जाय तो देशभर में करीब दो लाख करोड़ की 144 परियोजनाएं लोकार्पण और 25 हजार करोड़ से ज्यादा की 46 परियोजनाएं शिलान्यास के लिए तैयार हैं।

 

बता दें कि देश में रेलवे परिवहन एक महत्वपूर्ण साधन है, जिसका उपयोग यात्री और माल दोनों के परिवहन के लिए किया जाता है। वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के समय देश की सड़कों की हालत कोई ख़ास अच्छी नहीं थी। इसको विकसित करने के लिए ना ही कोई नई तकनीक थी और ना ही कोई प्लान था।

 

रेलवे को सिर्फ मजदूरों को एक जगह से दूसरी जगह लेजाने का साधन मात्र माना जाता था। लेकिन 2014 के बाद रेलवे के विकास ने जो रफ्तार पकड़ी वो साल दर साल बढ़ती गई। आज देश के ज्यादातर क्षेत्र रेलवे लाइनों आच्छादित हो रहे हैं। जिसके चलते रेलवे नेटवर्क के मामले में भारत दुनिया में लगातार आगे बढ़ता जा रहा है।

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