1. हिन्दी समाचार
  2. केंद्र सरकार
  3. पुरानी संसद की कार्यवाही का अंतिम दिन, पीएम मोदी ने की 75 साल के इतिहास की चर्चा

पुरानी संसद की कार्यवाही का अंतिम दिन, पीएम मोदी ने की 75 साल के इतिहास की चर्चा

पुरानी संसद में सोमवार को संसद की कार्यवाही का आखिरी दिन है। मंगलवार यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी। पीएम मोदी सुबह 10.45 बजे संसद पहुंचे। उन्होंने देश के 75 साल के इतिहास की चर्चा करते हुए पंडित नेहरू, बाबा साहेब और पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भी बात की। प्रधानमंत्री ने पुराने भवन में 50 मिनट की अपनी आखिरी भाषण दिया। पीएम ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा कि ये वह सदन है जहां पंडित नेहरू की स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

नई दिल्लीः पुरानी संसद में सोमवार को संसद की कार्यवाही का आखिरी दिन है। मंगलवार यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी। पीएम मोदी सुबह 10.45 बजे संसद पहुंचे। उन्होंने देश के 75 साल के इतिहास की चर्चा करते हुए पंडित नेहरू की भी बात की। आमतौर पर नेहरू की आलोचना करने वाला सत्तापक्ष आज देश के पहले प्रधानमंत्री को याद कर मेज थपथपाता दिखाई दिखा। PM ने कहा कि बाबा साहेब एक बात हमेशा कहते थे कि भारत में सामाजिक न्याय के लिए भारत का औद्योगीकरण होना बहुत जरूरी है क्योंकि देश के दलित-पिछड़ों के पास जमीन ही नहीं है। वो क्या करेगा? उनकी इस बात को मानकर पंडित नेहरू के मंत्री पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश में इंडस्ट्री पॉलिसीज लाई। कितनी ही इंडस्ट्री पॉलिसीज बनें, लेकिन आज भी उसकी आत्मा वही होती है जो पहली सरकार में थी। पीएम मोदी ने कहा कि यह सत्र छोटा है लेकिन समय के लिहाज से बड़ा है। पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी सांसद उमंग और उत्साह के वातावरण में मिले। रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए। जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं, जो उमंग से भर देते हैं। मैं इस छोटे सत्र को इसी रूप में देखता हूं।

प्रधानमंत्री ने पुराने भवन में 50 मिनट की अपनी आखिरी भाषण दिया। पीएम ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा कि ये वह सदन है जहां पंडित नेहरू की स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था। मोदी ने कहा कि सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण भी इसी सदन ने दिया। पीएम मोदी ने पहली बार संसद में प्रवेश करने की यादों को ताजा करते हुए कहा कि पहली बार एक सांसद के रूप में उन्होंने जब इस भवन में प्रवेश किया तो उन्होंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। उन्होंने कहा कि मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है। उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश उन्हें इतना सम्मान देगा।

पीएम ने कहा कि इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है। हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है। पंडित जवाहलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह तक कई नाम हैं जिन्होंने इस सदन का नेतृत्व किया है। सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नए रंग रूप में ढालने के लिए उन्होंने परिश्रम किया है, पुरुषार्थ किया है। आज उन सबका गौरवगान करने का अवसर है। सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोहिया, चंद्रशेखर, आडवाणी न जाने अनगिनत नाम जिन्होंने हमारे इस सदन को समृद्ध करने में, चर्चाओं को समृद्ध करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जब आज हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तब उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं जो संसद की रिपोर्टिंग करते रहे। कुछ तो ऐसे रहे जिन्होंने पूरी जिदंगी संसद को रिपोर्ट किया है। पहले यह तकनीक उपलब्‍ध नहीं थी, तब वही लोग थे। उनका सामर्थ्‍य था कि वे अंदर की खबर पहुंचाते थे और अंदर के अंदर की भी खबर पहुंचाते थे।

पीएम मोदी ने कहा कि वक्त के साथ संसद की संरचना भी बदलती गई। जिसके लिए समाज के सभी तबके के लोगों का योगदान रहा है। संसद पर आतंकी हमले के लेकर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सदन में आतंकी हमला हुआ था। यह हमला इमारत पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर हमला हुआ था। आतंकियों से लड़ते हुए जिन सुरक्षाकर्मियों ने हमारी रक्षा की, उन्हें कभी नहीं भूला जा सकता। आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन के रूप में पहचान मिली। इस इमारत का निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था। हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था। पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे।

बता दें कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे। उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...