अंतरिक्ष में भारत द्वारा इतिहास रचने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर उतरने में अब दो दिन का समय बचा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे चंद्रयान-3 चांद पर लैंड करेगा। चंद्रयान-3 पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों की ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की नजरें भी टिकी हैं। ISRO ने चंद्रयान-3 का चांद पर लैंडिंग के लाइव प्रसारण का फैसला किया है।
नई दिल्ली: अंतरिक्ष में भारत द्वारा इतिहास रचने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर उतरने में अब दो दिन का समय बचा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे चंद्रयान-3 चांद पर लैंड करेगा। चंद्रयान-3 पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों की ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की नजरें भी टिकी हैं। ISRO ने चंद्रयान-3 का चांद पर लैंडिंग के लाइव प्रसारण का फैसला किया है। मतलब ये कि चंद्रयान-3 को चांद पर लैंड करते हुए आप लाइव देख पाएंगे। इसरो के मुताबिक ऑफिशियल वेबसाइट पर इसका लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। साथ ही दूरदर्शन पर भी इसका सीधा प्रसारण होगा। इसी बीच चंद्रयान-3 का चंद्रयान-2 से भी संपर्क स्थापित कर लिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी है। इसरो ने चांद पर लैंडिंग के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। इसरो ने ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच टू-वे कम्युनिकेशन स्थापित हो चुका है। इसरो ने कहा कि अब बेंगलुरु स्थित मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स के पास अब लैंडर मॉड्यूल यानी विक्रम से बात करने के कई रास्ते हो गए हैं।
इससे पहले सुबह में इसरो ने चंद्रयान से ली गई चांद के सतह की कुछ तस्वीरों को ट्वीट किया था। इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम में लगा कैमरा चांद पर किसी सुरक्षित जगह की तलाश कर रहा है। ताकि वहां सर्तकता के साथ उतरा जा सके। इसरो ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा’ में कैद की गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें जारी की थी। एलएचडीएसी को इसरो के अहमदाबाद स्थित प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र ‘स्पेस ऐप्लीकेशंस सेंटर’ (SAC) ने विकसित किया है। यह कैमरा लैंडिंग के लिहाज से सुरक्षित उन क्षेत्र की पहचान करने में मदद करता है, जहां बड़े-बड़े पत्थर या गहरी खाइयां नहीं होती हैं। चंद्रयान-3 चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरेगा। अभी वह चांद के 25 किलोमीटर ऊपर चक्कर काट रहा है। चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।