हिन्दू धर्म में चैत्र से लेकर फाल्गुन तक 12 माह है और हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, और इस माह में यह दिन गुरुवार 27 फरवरी को पड़ रहा है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है इसलिए इनकी पूजा करने से मनुष्य के सारे विघ्नों का नाश होता है।
आपको यह भी बता दे कि अगर कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है तो उसे संकष्टी चौथ और अगर शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है तो उसे विनायक चौथ कहा जाएगा। इस तिथि को भक्त व्रत रखते है और पुरे विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करते है। इस बार चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 27 फरवरी दिन गुरुवार को सुबह 04 बजकर 11 मिनट से हो रहा है, जो 28 फरवरी दिन शुक्रवार को सुबह 06 बजकर 44 मिनट तक है।
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इस बार इस तिथि में गुरुवार का भी संयोग बन रहा है इसलिए यह दिन गणेश जी के साथ साथ भगवान विष्णु की आराधना के लिए भी शुभ हो जाता है। अगर आपकी जन्मपत्री में गुरु और बुध अशुभ प्रभाव में है तो आप इस दिन ग्रह शांति करवा सकते है।
इस दिन ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। गुरु ग्रह के लिए गुरुवार को शिवलिंग पर बेसन के लड्डू अर्पित करें। किसी गरीब को चने की दाल का दान करें। केले के पौधे की पूजा करें और केले का दान करें।
दरअसल गणेश पुराण में वर्णन है कि गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ था, वही शिव पुराण की रूद्र संहिता के कुमार खंड में गणेश जी के जन्म की कथा है। माता पार्वती ने गणेश जी को जन्म देकर किसी को भी अंदर आने मत देना, ऐसा कहकर द्वारपाल बना दिया।
जब उन्होंने शिव को भी मना कर दिया तो उनका मस्तक अलग कर दिया, बाद में उन्हें हाथी का सिर लगाया गया जिससे उनका नाम गजानन भी पड़ा। वही सबसे पहले उनकी पूजा करने का विधान क्यों है इससे भी एक रोचक कथा जुड़ी है।
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दरअसल एक बार यह प्रश्न खड़ा हुआ कि प्रथम पूज्य कौन ? सभी देवताओं के मध्य यह तय हुआ कि जो भी सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा सबसे पहले करेगा वही सबसे पहले पूजा जाएगा , बाकी सब अपने अपने वाहन लेकर निकल गए लेकिन गणेश जी ने अपने माता पिता की परिक्रमा की और बैठ गए और कहने लगे की मेरी तो परिक्रमा हो गयी है।
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उनके इस बुद्धि भरे तर्क से सब बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें प्रथम पूज्य बना दिया गया, तिथि में उन्हें चतुर्थी तिथि का स्वामित्व प्राप्त है वही दिन है बुधवार, ग्रहों में बुध उनको दर्शाता है, जिसका बुध अच्छा होगा वो गणेश जी की तरह चतुर और बुद्धिमान होता है।