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राज्यसभा चुनाव: भाजपा ने संजय सेठ को यूपी में पार्टी का 8वां उम्मीदवार किया घोषित, सपा के लिए बढ़ी मुश्किलें

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए संजय सेठ को अपना आठवां आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया है। इस फैसले से समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए चुनौतियां पैदा होने की आशंका है, जो पहले ही चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।

By Rekha 
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एक रणनीतिक कदम में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए संजय सेठ को अपना आठवां आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया है। इस फैसले से समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए चुनौतियां पैदा होने की आशंका है, जो पहले ही चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। पहले घोषित सात उम्मीदवारों के साथ भाजपा का लक्ष्य राज्य में बहुमत हासिल करना है।

भाजपा ने संजय सेठ को राज्यसभा चुनाव के लिए 8वें उम्मीदवार के रूप में नामित किया


भाजपा ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए संजय सेठ को अपना आठवां उम्मीदवार बनाया है।

2019 में सपा से भाजपा में आए संजय सेठ राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शख्सियत हैं।

समाजवादी पार्टी पर असर

अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए जया बच्चन, आलोक रंजन और रामजी लाल सुमन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

भाजपा के आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ का प्रवेश सपा के लिए चुनौती बन गया है, जिससे चुनावी समीकरण जटिल हो गया है।

मतगणना और बहुमत

राज्य राज्यसभा के लिए 10 प्रतिनिधियों का चुनाव करेगा, जिसमें एक सीट सुरक्षित करने के लिए 37 वोटों की आवश्यकता होगी।
एसपी को तीनों सीटें जीतने के लिए 111 वोटों की जरूरत है, लेकिन मौजूदा समर्थन से उसके पास तीन वोट कम रह गए हैं।

बीजेपी का वर्तमान समर्थन

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 252 विधायकों वाली भाजपा को अपना दल-सोनेलाल, निषाद पार्टी, एसबीएसपी और आरएलडी सहित एनडीए सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है।

पार्टी के पास अपने आठवें उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए 10 वोटों की कमी है।

संजय सेठ की पृष्ठभूमि

समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद संजय सेठ 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए।

उन्होंने पहले 2016 में सपा के सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्य किया था।

संजय सेठ की राजनीतिक और खेल पृष्ठभूमि काफी अच्छी है और वे विभिन्न संघों में प्रमुख पदों पर रह चुके हैं।

संजय सेठ के नामांकन ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनावों में जटिलता बढ़ा दी है, जिससे राजनीतिक दलों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा का मंच तैयार हो गया है। मतदान प्रक्रिया 27 फरवरी को निर्धारित है, और परिणाम का राज्य में शक्ति संतुलन पर प्रभाव पड़ेगा।

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