जब से प्रधानमंत्री मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया है। तब से मुस्लिम संगठनों के बीच हलचल बढ़ गई है। आलम ये है कि आनन-फानन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बैठक बुलाई। यूनिफार्म सिविल कोड के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ये मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली। मीटिंग में यूनिफार्म सिविल कोड के कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता का विरोध जारी रखने का निर्णय लेते हुए कहा है कि वह इस सिलसिले में विधि आयोग के सामने अपनी दलीलों को और जोरदार ढंग से पेश करेगा।
नई दिल्लीः जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा बयान दिया है। तब से मुस्लिम संगठनों के बीच हलचल बढ़ गई है। आलम यह है कि आनन-फानन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बैठक बुलाई। यूनिफार्म सिविल कोड के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की यह मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली। मीटिंग में यूनिफार्म सिविल कोड के कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता का विरोध जारी रखने का निर्णय लेते हुए कहा है कि वह इस सिलसिले में विधि आयोग के सामने अपनी दलीलों को जोरदार ढंग से पेश करेगा। बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि बोर्ड की मंगलवार रात ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी समेत बोर्ड के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देर रात तक चली इस बैठक में मुख्यत: समान नागरिक संहिता के मसले पर बोर्ड के वकीलों द्वारा विधि आयोग के सामने रखी जाने वाली आपत्तियों पर विचार-विमर्श हुआ।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि देश को दो कानूनों से नहीं चलाया जा सकता है। भाजपा विरोधी दलों ने मुसलमानों में समान नागरिक संहिता को लेकर भ्रम फैला रखा है। भाजपा कार्यकर्ता उनके पास तथ्यों के साथ जाएं और उन्हें समझाएं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाएगी। पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस समेत भाजपा विरोधी पार्टियों ने मुसलमानों को वोटबैंक बना रखा है। जबकि भाजपा सबका साथ सबका विकास की विचारधारा के साथ चलती है।