एकजुटता को लेकर विपक्षी दलों ने पटना में 23 जून को महाबैठक बुलाई है। इसको लेकर पटना में हलचल भी तेज हो गई है। इसी बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को मनाने लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चेन्नई जाने वाले थे लेकिन अचानक से उनका दौरा रद्द हो गया। आखिरी वक्त में नीतीश कुमार के तमिलनाडु न जाने के निर्णय से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है।
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव-2024 में एक साल से भी कम समय बाकी है। सभी दल अपने-अपने तरीके से चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। जहां बीजेपी नेता जनसंपर्क अभियान के तहत अलग-अलग राज्यों का दौरा कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दलों ने भी पटना में 23 जून को महाबैठक बुलाई है। इसको लेकर पटना में हलचल भी तेज हो गई है। इसी बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को मनाने लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चेन्नई जाने वाले थे लेकिन अचानक से उनका दौरा रद्द हो गया। आखिरी वक्त में नीतीश कुमार के तमिलनाडु न जाने के निर्णय से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। वहीं अब उनकी जगह उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और मंत्री संजय झा चेन्नई पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि स्टालिन कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं उनको मनाने और महाबैठक का निमंत्रण देने के लिए नीतीश कुमार तमिलनाडु जाने वाले थे। विपक्षी एकजुटता को लेकर उनके इस दौरे को इसलिए भी काफी अहम माना जा रहा था क्योंकि विपक्षी एकजुटता को लेकर दक्षिण भारत के किसी राज्य में इससे पहले नहीं गए। हालांकि पटना में हो रही विपक्ष की महाबैठक में शामिल होने को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को पहले ही आमंत्रण भेजा गया है। बताया जा रहा है कि महाबैठक में शामिल होने के लिए स्टालिन की सहमति भी मिल चुकी है।
गौरतलब है कि पटना के एक अणे मार्ग स्थित नेकसंवाद कक्ष में महाबैठक की तैयारियां की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि महाबैठक में शामिल होने के लिए स्टालिन की सहमति भी मिल चुकी है। इससे पहले नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मिल चुके हैं। इन सभी ने पटना में होने वाली महाबैठक में शामिल होने को लिए अपनी सहमति दे दी है।