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बीजेपी सासंदों ने मल्लिकार्जुन खरगे को दिया जवाब, पीएम को लिखे पत्र में सभी आरोपों को किया खारिज

ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पांच जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रेल हादसे में मोदी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए थे। इस पत्र पर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए बीजेपी सांसदों ने एक एक कर जवाब दिया। पत्र लिखने वाले भाजपा सांसदों में तेजस्वी सूर्या, पीसी मोहन, एस मुनिस्वामी और सदानंद गौड़ा शामिल हैं। बीजेपी सांसदों ने इस पत्र में खरगे द्वारा पीएम मोदी को लिखे गए पत्र की कड़ी आलोचना की है।

By RNI Hindi Desk 
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नई दिल्लीः ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पांच जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रेल हादसे में मोदी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए थे। इस पत्र पर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए बीजेपी सांसदों ने एक एक कर जवाब दिया। पत्र लिखने वाले भाजपा सांसदों में तेजस्वी सूर्या, पीसी मोहन, एस मुनिस्वामी और सदानंद गौड़ा शामिल हैं। बीजेपी सांसदों ने इस पत्र में खरगे द्वारा पीएम मोदी को लिखे गए पत्र की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने तर्क दिया कि खरगे का पत्र “बयानबाजी ज्यादा और कम तथ्यों पर आधारित है।” पत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आपके द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में हमें कहना है कि आपके पत्र में राजनीतिक बयानबाजी ज्यादा है, आपने जो सवाल उठाए हैं उसमें तथ्यों की कमी है। आपका हाल ही में किया गया पत्र-व्यवहार तथ्यपरक सुझाव नहीं देते हैं। इसलिए, हम आपके लिए वास्तविकता के साथ आपके अनुमानों के तथ्यात्मक जवाब दे रहे हैं।

बीजेपी के सांसदों ने पत्र में लिखा कि रेलवे में पिछले नौ वर्षों में रेलवे में 4.58 लाख नियुक्तियां की गई हैं और वर्तमान में लगभग 1.52 लाख रिक्तियों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इस प्रकार 10 साल में हम 6.1 लाख से अधिक की नियुक्ति करने जा रहे हैं, जो यूपीए के 4.11 लाख उम्मीदवारों की नियुक्ति से लगभग 50 फीसदी अधिक है। साथ ही 5,518 नए सहायक लोको पायलट नियुक्त किए गए हैं, जो इस क्षेत्र की उपेक्षा करने के आपके आरोपों को खारिज करता है। इसी तरह से आपके पत्र में फरवरी 2023 की जिस घटना का जिक्र किया है, उसकी रेलवे ने गहनता से जांच की थी। जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और रखरखाव के सख्त कार्यान्वयन पर सभी कर्मियों की काउंसलिंग की गई थी। जैसा कि आपके पत्र में कहा गया है, मैसूर में कोई टक्कर नहीं हुई थी। आपके कद के नेता को “व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी” से प्राप्त तथ्यों के आधार पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखना शोभा नहीं देता। लेकिन शायद “व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी” के वाइस चांसलर के तौर पर आपको फेक न्यूज को तथ्य के तौर पर गढ़ने के लिए मजबूर किया गया है।

कांग्रेस ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि बजट में आवंटित राशि का उचित उपयोग नहीं किया गया जबकि बीजेपी के कार्यकाल में महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष की स्थापना की गई। रेलवे ने आरआरएसके पर एक लाख करोड़ से अधिक रुपये 2017-18 और 2021-22 के बीच खर्च किए। यही नहीं फरवरी 2022 में सरकार ने आरआरएसके को 2022-23 से शुरू होते हुए पांच साल का विस्तार भी दिया। पिछले नौ साल में हमारा कुल सुरक्षा व्यय 1,78,012 करोड़ रुपये है, जो आपके कार्यकाल के खर्च का 2.5 गुना है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यूपीए के 10 साल के दौरान इतना खराब प्रदर्शन करने के बाद भी रेल सुरक्षा पर हमें व्याख्यान देने का आपमे विश्वास कैसे आता है। पत्र में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि हम इस बात से चकित हैं कि कांग्रेस पार्टी टक्कर-रोधी डिवाइस के बारे में कितनी गंभीरता से बोलती है। अगर आपकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों ने इस पर उतनी ही गंभीरता से काम किया होता जितना आप इसके बारे में बोलते हैं, तो इसे आपके शासन के छह दशकों में पूरे देश में लगाया जा सकता था। खरगे के सीबीआई से जांच कराने के विरोध पर भाजपा सांसदों ने कहा, हादसे की जांच तो रेलवे सुरक्षा आयुक्त ही कर रहे हैं। सीबीआई तो घटना के बड़े निहितार्थ की जांच कर रही थी। इसी तरह रेलवे में तीन लाख खाली पदों के सवाल पर भाजपा सांसदों ने कहा, पिछले नौ वर्षों में रेलवे ने छह लाख युवाओं को नौकरी दी है। यही नहीं 5518 नव नियुक्त लोको पायलटों ने स्वयं खरगे के आरोपों को खारिज किया है। रेलवे का बजट हर साल घटने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए पर भाजपा सांसदों ने कहा, नौ साल के हमारे प्रयासों ने रेलवे को नई ताकत दी है।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि रेलवे को बुनियादी तौर पर मजबूत करने के बजाय खबरों में बने रहने के लिए ऊपरी तौर पर ही बदलाव किए जा रहे हैं। लगातार गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित बन गया है। खरगे ने आरोप लगाया था कि रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं। पूर्वी तट रेलवे में, जहां ये हादसा हुआ, वहां भी 8,278 पद खाली हैं। कई वरिष्ठ पदों पर भी तैनाती नहीं हुई हैं। बीते नौ सालों में इन रिक्तियों को क्यों नहीं भरा गया? बता दें कि दो जून को ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के बीच टक्कर हुई थी। इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह देश के सबसे बड़े रेल हादसों में से एक है।

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