बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह काआज 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वह कोरोना संक्रमित थे और दिल्ली के मैक्स हाॅस्पिटल में भर्ती थे। लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों को बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
सतीश प्रसाद सिर्फ पांच दिन के लिए बिहार के सीएम बने थे बता दें कि सतीश प्रसाद सिंह 28 जनवरी 1968 से 1 फरवरी 1968 बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। यही नहीं, कुशवाहा जाति से संबंध रखने वाले सिंह परबत्ता विधानसभा सीट से विधायक चुने गये थे।
बिहार में सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड सतीश प्रसाद सिंह के नाम ही है। बिहार के कई बड़े नेताओं ने सतीश प्रसाद के निधन पर शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। पिछले महीने 27 अक्टूबर को उनकी पत्नी ज्ञानकला देवी का निधन हुआ था।
सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, ”बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह जी का निधन दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।”
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह जी का निधन दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। https://t.co/dZRwXB3sL3
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 2, 2020
आरएलएसपी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया है, ‘’वयोवृद्ध लोकसमतावादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री सतीश प्रसाद सिंह जी के निधन की खबर से मर्माहत हूं। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों के लिए संबल की कामना करता हूं। पिछड़ों, शोषितों, दलितों और वंचितों के हक की लड़ाई में वे अग्रणी रहे थे।’’
वयोवृद्ध लोकसमतावादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री सतीश प्रसाद सिंह जी के निधन की खबर से मर्माहत हूं । ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों के लिए संबल की कामना करता हूं 🙏
पिछड़ो, शोषितों, दलितों एवं वंचितों के हक की लड़ाई में वे अग्रणी रहे थे। pic.twitter.com/LdoAgZCYVX
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) November 3, 2020
वहीं, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा है, ”सतीश बाबू एक लोकप्रिय राजनेता और संवेदनशील समाजसेवी थे। उनके निधन से राजनीतिक-सामाजिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है।” राज्यपाल ने दिवंगत नेता की आत्मा को चिरशांति तथा शोक-संतप्त उनके परिजनों को धैर्य-धारण की क्षमता प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
आप को बता दे कि 1967 में जब चौथी विधानसभा के लिए चुनाव हुआ, तो उस चुनाव में कांग्रेस को बिहार में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ। ऐसे में प्रदेश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी।
जनक्रांति दल के महामाया प्रसाद सिन्हा को सीएम बनाया गया, लेकिन एक साल पूरा होने से पहले ही महामाया प्रसाद को पद छोड़ना पड़ा। उनके बाद महज पांच दिन के लिए संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता सतीश प्रसाद सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया।
सतीश प्रसाद सिंह 1980 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बिहार के खगड़िया सीट से सांसद बने। कांग्रेस के बाद वो कुछ समय तक बीजेपी में भी रहे। 22 सितंबर 2013 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कुशवाहा समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था।