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Marriage Age Bill: प्रयागराज में पीएम मोदी ने बताया क्यों बढ़ा रहे लड़कियों की शादी की उम्र, विरोधियों को दिया जवाब

PM Modi told why the age of marriage of girls is increasing in Prayagraj; प्रयागराज में पीएम मोदी का विरोधियों को करारा जवाब। पीएम मोदी ने बताया क्यों बढ़ा रहे लड़कियों की शादी की उम्र। प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में पीएम मोदी का बयान।

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : एक तरफ जहां संसद में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाए जाने की चर्चा हो रही थी, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने फैसले का विरोध कर रहे विपक्षी नेताओं को करारा जवाब दिया है। पीएममोदी (Narendra Modi) ने प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में कहा कि बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है।

देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है। बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया।

पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास के लिए, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है। अभी मुझे यहां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 1 लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ो रूपये ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला। यूपी सरकार ने बैंक सखियों के ऊपर 75 हजार करोड़ रुपये के लेनदेन की जिम्मेदारी सौंपी हैं। 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार गांवों में रहने वाली मेरी बहनें-बेटियां कर रही हैं। उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी।

पीएम मोदी बोले आज परिणाम ये है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है। प्रसव के बाद भी बिना चिंता के अपने बच्चे की शुरुआती देखरेख करते हुए मां अपना काम जारी रख सके। इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 6 महीने किया गया है। दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा। घर है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम। खेत है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम. नौकरी, दुकान पर किसका हक? पुरुषों का।

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